यूसीसी पर ड्राफ्ट लाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। बिल पेश करने से पहले मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जिस वक्त का लंबे समय से इंतजार था, वह पल आ गया है। न केवल प्रदेश की सवा करोड़ जनता, बल्कि पूरी देश की निगाहें उत्तराखंड की ओर बनी हुई हैं। यह कानून महिला उत्थान को मजबूत करने का कदम है, जिसमें हर समुदाय, हर वर्ग, हर धर्म के बारे में विचार किया गया है।
भाजपा विधायकों ने सदन में यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया। भाजपा विधायकों ने कहा कि बिल का किसी को विरोध नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें किसी के भी अधिकारों का अतिक्रमण नहीं किया गया है। सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं । खासकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह महत्त् वपूर्ण साबित होगा। सदन की कार्यवाही सात फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई।
वहीं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिल को लेकर कहा कि धामी भाजपा नेताओं को खुश करने के लिए इसे लेकर आए हैं। वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को मुसलमानों के खिलाफ साजिश बताया है।
यूसीसी क्या है?
यह एक ऐसा कानून है जो सभी नागरिकों के लिए समान होगा, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। इसका मतलब है कि शादी, तलाक, विरासत, और अन्य मामलों के लिए एक ही नियम लागू होंगे।
यूसीसी में क्या-क्या है?
- लड़कियों की शादी 18 साल से पहले नहीं हो पाएगी।
- शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
- पति-पत्नी दोनों को समान आधार पर तलाक लेने का अधिकार होगा।
- बहुविवाह पर रोक होगी।
- लड़कियों को लड़कों के बराबर उत्तराधिकार मिलेगा।
- लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को खुद को घोषित करना होगा।
- अनुसूचित जनजातियों को यूसीसी से छूट दी गई है।
समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड विधानसभा में पेश हो चुका है। इसी बीच बिल के विरोध में समाजवादी पार्टी सांसद एसटी हसन आ गए हैं। उन्होंने इसे कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ बताया है। साथ ही कहा कि अगर यह ‘हिदायतों’ के खिलाफ होता है, तो मुस्लिम समुदाय इसका पालन नहीं करेगा। उधर, कांग्रेस का कहना है कि हम यूसीसी नहीं, बल्कि इसे पेश किए जाने के तरीके के खिलाफ हैं। भारतीय जनता पार्टी ने साल 2022 में यूसीसी का वादा किया था।
रिपोट्र्स के मुताबिक, हसन का कहना है कि अगर यह (यूसीसी विधेयक) कुरान में मुसलमानों को दी गई हिदायतों के खिलाफ है, तो हम इसका पालन नहीं करेंगे। अगर यह हिदायत के आधार पर है, तो हमें इससे कोई परेशानी नहीं है। वहीं कांग्रेस नेता यशपाल आर्य का कहना है कि हम इसके खिलाफ नहीं है। सदन नियमों से चलता है, लेकिन भाजपा लगातार इसे नजरअंदाज कर रही है।
उत्तराखंड विधानसभा के उपवेशन सत्र में दूसरे दिन पूर्वाह्न समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर अपराह्न दो बजे चर्चा शुरू हुई, जिसमें नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यूसीसी लागू करने की दिशा में प्रयास किए। इस बीच, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों ने बुधवार को चर्चा में भाग लेने की बात कही है।