सनातन धर्म पर उठे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के मंत्री बेटे उदयनिधि स्टालिन के बयान से उठे विवाद ने राजनीतिक रुप ले लिया है। एक के बाद एक नेता सनातन धर्म के खिलाफ लगातार विवादित बयान दे रहे है। उदयनिधि स्टालिन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्ल्कार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे फिर DMK नेता ए. राजा और फिर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की। जिसके बाद राजनीतिक गलियारें में हलचल तेज हो गई है। वहीं इस मामले को लेकर उदयनिधि स्टालिन, प्रियांक खड़गे और ए. राजा के खिलाफ मुजफ्फरपुर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया था। जिस पर आगामी 16 सितंबर को कोर्ट सुनवाई होगी। वहीं अब राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ नालंदा में परिवाद दायर करवाया गया है। जिसकी अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
जगदानंद सिंह पर सनातन धर्म के अपमान का आरोप
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के एक बयान को लेकर उनपर सनातन धर्म के अपमान करने का आरोप है। जिसमें उन्होंने कहा था कि जो लोग तिलक लगाकर घूमते हैं उन्हीं लोगों ने भारत को गुलाम बनाया है। उन्होंने कहा कि जिसको सवाल खड़ा करना है करते रहे। कोई पोथी-पत्रा बैठकर लिख देगा और कहेगा हम भारत के रक्षक हैं तो उससे वो भारत का रक्षक नहीं हो सकता है। जहां भेदभाव हो वह कोई धर्म नहीं, वैसे धर्म का मैं विरोध करता हूं। हम लोग हे राम वाले हैं ना की जय श्री राम वाले, जय श्री राम वाले दंगा करवाते हैं। टीका लगाने और दाढ़ी बढ़ाने से कोई सनातनी नहीं हो सकता है।
इन नेताओं के बयान पर भी बवाल
मुजफ्फरपुर के कोर्ट में उदयनिधि स्टालिन, डीएमके नेता ए.राजा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे के खिलाप वकील सुनील कुमार ओझा ने परिवाद दायर किया गया है। वकील सुनील कुमार ओझा का कहना है कि सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान के कारण पूरे देश के हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंची है। बता दें कि तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से करते हुए कहा था कि कुछ चीजों विरोध करने के लिए नहीं बल्कि खत्म करने के लिए होती है। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। सनातन का विरोध नहीं, बल्कि उसे खत्म कर देना चाहिए।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने सनातन धर्म पर निशाना साधते हुए कहा था कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता है या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता है वह बीमारी के समान है। कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपको इंसान होने का सम्मान मिले, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है। इसके बाद डीएमके के नेता ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना HIV से की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ए राजा ने कहा है कि सनातन धर्म सामाजिक बीमारी है। यह कुष्ठ रोग और एचआईवी से भी ज्यादा घातक है।