Javed Akhtar On Uniform Civil Cpde: देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर जावेद अख्तर का बड़ा बयान सामने आया है। मशहूर पत्रकार कमाल खान की जयंती के मौके पर लखनऊ के ला मार्टिनियर स्कूल प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में चर्चित शायर, गीतकार, पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने अपना जादू बिखेरा।
मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस देश में कोई यूनिफॉर्म सिविल कोड नहीं सकता है। मुझे यह चुनौतीपूर्ण लगता है। उन्होंने कहा कि इस देश में आपको हर किसी को अपना कोड मानने दीजिए। दरअसल, इस समय उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयार चल रही है। वहीं, देश के स्तर पर यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा शुरू हो गई है। ऐसे में जावेद अख्तर का बयान काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आप हिंदू पर्सनल लॉ, मुस्लिम पर्सनल लॉ और अन्य धर्मों के पर्सनल लॉ को बने रहने दीजिए। इन सबके ऊपर भारतीय संविधान है। अगर किसी भी बिंदु पर पर्सनल लॉ का भारतीय संविधान से क्लैश होता है, उस स्थिति में संविधान को सर्वोपरि होना चाहिए। इसमें किसी प्रकार का शक नहीं होना चाहिए।
लालू की पटना वापसी, जानिए क्या है सियासी मायने, आनंद मोहन पर प्रतिक्रिया का इंतजार
जावेद अख्तर ने कहा कि भारत विविधताओं से भरा देश है। यह ऐसा देश है, जिसमें कई संस्कृतियां निवास करती हैं। आप ऐसा कोई कानून नहीं बना सकते, जिससे ट्राइबल्स भी खुश हो जाएं। नॉर्थ-ईस्ट के लोग भी खुश हो जाएं। दक्षिण से उत्तर तक के सभी लोग खुश हो जाएं। जावेद ने कहा कि हिंदू कम्युनिटी में ही इतने अलग-अलग प्रकार की संस्कृति हैं, उन्हें एक कानून के दायरे में कैसे लाएंगे। इसके लिए आपको एक ड्राफ्ट तैयार करना चाहिए। पब्लिक डोमेन में उसे लाना चाहिए। लोगों के बीच चर्चा हो। उनके दावे-आपत्तियां आएं। उनका निराकरण हो, फिर कोई कानून बने।
अतीक और दाउद कैसे हो गए हमारे आइकन
जावेद अख्तर ने हाल के दिनों प्रयागराज में मारे गए माफिया डॉन अतीक अहमद का जिक्र किया। साथ ही, उन्होंने माफियाओं को लेकर कम्युनिटी में बनाए जा रहे माहौल पर करारा तंज कसा। उन्होंने कहा कि अतीक और दाउद जैसे लोग हमारे आइकन कैसे बन जाते हैं। हमें अपने आइकन चुनते समय सावधानी बरतनी चाहिए। ये लोग हमारा नुकसान पहुंचाने वाले लोग हैं। ऐसे लोगों को हमें पहचानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे आइकन शायर, फनकार, गीतकार, इतिहासकार, वैज्ञानिक क्यों नहीं हो सकते।
सेक्यूलर गैंग पर बोला जोरदार हमला
जावेद अख्तर ने कहा कि देश में सो कॉल्ड सेक्यूलर ने ही अल्पसंख्यकों का सबसे अधिक नुकसान किया। इन लोगों ने सेक्यूलरिज्म की आड़ में हमारी कमियों को हमसे छुपाया। लोग आज की सरकार पर दोष देते हैं, लेकिन अगर आप खुद में बदलाव नहीं करेंगे तो किसी को तो सामने आना पड़ेगा। उन्होंने हिंदू पर्सनल लॉ में हुए 1932 के संशोधन का जिक्र करते हुए कहा कि किसी में भी मुस्लिम पर्सनल लॉ में संशोधन की क्यों नहीं सूझी? हम क्यों पुरानी जंजीरों में बंधा रहने दिया गया।
जावेद अख्तर ने कहा कि पिछले सात-आठ दशक में अल्पसंख्यकों को लेकर क्या काम हुए? आप हमें बताइए। तीन तलाक जैसे मामले पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देश में प्रतिबंधित हैं। लेकिन, भारत में इसे बंद करने के लिए हमें भारतीय जनता पार्टी की सरकार के सत्ता में आने तक का इंतजार क्यों करना पड़ा? पूर्व की सरकारों में इन मुद्दों पर काम करना चाहिए था।
बिना रोमन एक्टर पढ़ नहीं पाते स्क्रिप्ट
जावेद अख्तर ने कहा कि मैं एक राज की बात बताता हूं, हमारे फिल्म स्टार अंग्रेजी में लिखे स्क्रिप्ट पड़ते हैं। उन्हें हिंदी- उर्दू समझ नहीं आती। हमें अब उन्हें रोमन में स्क्रिप्ट लिख कर देना पड़ता है। सब अंग्रेजी स्कूल से निकल कर आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी और उर्दू बढ़ रही है, लेकिन केवल सुनने वालों की तादाद। पढ़ने- लिखने वालों की तादाद घट रही है। यही सबसे बड़ा सच है। मैं अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन अपनी मातृभाषा का बलिदान देकर भी इसको बढ़ा नहीं सकता। हमें अपनी जड़ों को पकड़ कर रखना होगा। अपनी जड़ से कटेंगे तो उखड़ जाएंगे। उनके बयान को बॉलीवुड की ताजा स्थिति से जोड़कर देखा जा रहा है।