रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू और सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। जब से नीतीश कुमार ने डॉ. राजवर्धन आजाद को बिहार विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया है। तब से उपेन्द्र कुशवाहा के तेवर और भी तल्ख़ हो गए हैं। उन्होंने शायराना अंदाज में जदयू पर तंज कसा है। उन्होंने ये भी कहा है कि अब जदयू के मेरे उन मित्रों का भ्रम टूट ही गया होगा जिनको ग़लत फहमी हो रही थी कि उपेंद्र कुशवाहा के कारण उनकी हकमारी हो गई या हो रही थी।
“भैंसिए (जदयू) गईल पानी (राजद) में”
उपेन्द्र कुशवाहा ने एक्स पर लिखा कि बिहार विधान परिषद की सदस्यता से मेरे इस्तीफा के कारण रिक्त पद पर नये मनोनयन के बाद संभवतः जदयू के मेरे उन मित्रों का भ्रम टूट ही गया होगा जिनको ग़लत फहमी हो रही थी कि उपेंद्र कुशवाहा के कारण उनकी हकमारी हो गई या हो रही थी। अब क्या हुआ ? अब तो उपेंद्र कुशवाहा आपके रास्ते में बाधक नहीं था। फिर कहां अटक गया ? आप तो हाथ पसारे रह गये…! अरे भाई, अब तो पूरी भैंसिए (जदयू) गईल पानी (राजद) में। किनारे बैठ कर पानी छप-छपाते रहिए। आपकी मर्जी। यदि आपकी आंखें अभी भी नहीं खुल रही है तो भगवान भला करें।” उन्होंने तंज कसते हुए आगे एक शेर भी लिखा ” “न समझोगे तो मिट जाओगे, ऐ मेरे मित्रों तेरी दास्तां तक न होगी दास्तानों में।”
ये है पूरा मामला
दरअसल जदयू से अलग होने के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने विधान परिषद के सदस्य का पद भी छोड़ दिया था। उनके इस्तीफे के बाद से ये पद खाली पड़ा हुआ था। माना जा रहा था कि जदयू के किसी नेता को विधान परिषद का सदस्य बनाया जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सीएम नीतीश कुमार ने सभी को चौकांते हुए बिहार के भुतपूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे डॉ. राजवर्धन आजाद को मनोनीत किया। इसी को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू नेताओं पर तंज कसा है।