देश में UCC (नागरिकता संशोधन अधिनियम) लागू करने की सुगबुगाहट तेज़ हो चुकी है। पश्चिम बंगाल में एक कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने ये दावा किया है कि 7 दिनों के भीतर देश में UCC लागू हो जाएगी। वहीँ उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर UCC को पूरे प्रदेश में लागू करेंगे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ‘एक भारत,श्रेष्ठ भारत’ विजन के तहत और चुनाव से पूर्व प्रदेश की जनता के समक्ष रखे गए इस संकल्प के अनुरूप प्रदेश की भाजपा सरकार यहाँ समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए उसी क्षण से प्रतिबद्ध रही है। सीएम धामी ने कहा कि UCC (यूनिफॉर्म सिविल कोड) का मसौदा तैयार करने के लिए बनी कमेटी 2 फरवरी को अपना ड्राफ्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगी। इसके बाद हमारी सरकार आगामी 5 फ़रवरी को विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर UCC को प्रदेश में लागू करेगी। इसी के साथ उत्तराखंड पहला राज्य बन जाएगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी। इससे पहले गोवा राज्य में में भी कुछ ऐसी ही व्यवस्था लागू की जा चुकी है। इधर बिहार में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शांतनु ठाकुर द्वारा दिए गए UCC वाले बयान का समर्थन किया है।
बता दें कि केंद्र में 27 मई 2022 को समान नगारिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन को लेकर रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति का चौथी बार कार्यकाल बढ़ा है। 27 सितंबर 2023 को समिति का चार माह का विस्तार दिया गया था, जिस दौरान समिति द्वारा सरकार को ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपने की संभावना जताई जा रही थी, पर ऐसा नहीं हो सका। अब फिर से इसके समयावधि का विस्तार किया गया है और संभावना काफी ज्यादा बन रही है कि इस बार रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जायेगी। इधर बंगाल में केन्द्रीय मंत्री की UCC लागू करने की घोषणा के बाद रोहिंग्या लोगों ने इसका विरोध भी करना शुरू कर दिया है। आपको बताते चलें कि ये रोहिंग्या वही लोग हैं, जिन्हें बौद्ध देश म्यांमार से तडीपार कर दिया गया था और जिसके बाद इन्होने भारत में शरण ली थी।