[Team Insider]: वैष्णो देवी हादसे से जुड़ी एक नई बात सामने आ रही है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है भगदड़ का कारण पुलिस है। पुलिस के लाठीचार्ज के बाद भगदड़ मची और लोग गिरने लगे। यह भी दावा किया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन माता वैष्णो देवी साइड बोर्ड के कर्मचारी वहां नहीं थे।
पुलिस ने भीड़ से की धक्का-मुक्की
एक महिला श्रद्धालु का कहना है कि एक पुलिसकर्मी ने ही भीड़ से धक्का-मुक्की की और सीटियां बजाईं। इसके बाद भगदड़ मच गई। भागने के चक्कर में लोग एक-दूसरे के ऊपपर गिर गए। इसके बाद भीड़ पूरी तरह अनियंत्रित हो गई और गिरे हुए लोगों पर से गुजरती गई। महिला का आरोप है कि पुलिस टीम करीब दो घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची, तब राहत एवं बचाव कार्य शुरू किए गए।
प्रशासन से सहायता नहीं मिलने का आरोप
लखनऊ निवासी पीयूष सिंह ने बताया कि वे 8 साथियों के साथ वैष्णो देवी आए थे। भगदड़ के बाद से उनके सभी साथी लापता है। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों से बात करने पर कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। इन्होंने यह भी कहा कि बिजली का खंभा गिरने और जंगली जानवर के आने की भी अफवाह फैली है। एक अन्य श्रद्धालु चाहत महाजन ने बताया कि पुलिस ने महिलाओं और बच्चों पर भी लाठीचार्ज किया है। वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दो श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को धक्का दिया, जिसके बाद यह घटना हुई है।