वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत ने रेल सफर को नया आयाम दिया है। हर क्षेत्र में वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत की मांग होने लगी है। सरकार ने खुद भी हर क्षेत्र के लिए इन ट्रेनों के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है। लेकिन अब तक वंदे भारत में बैठक ही सफर किया जा सकता था। इसमें स्लीपर कोच की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि वंदे भारत का स्लीपर कोच भी अब रेल पटरियों पर दौड़ने को तैयार है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले दो महीने में वंदे भारत का स्लीपर कोच ट्रायल के लिए बाहर आ जाएगा। यह कोच चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बनाए जा रहे हैं।
300 वंदे भारत ट्रेनों का लक्ष्य
रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार 3.0 में वर्ष 2029 तक 300 से अधिक वंदे भारत स्लीपर व सीटिंग ट्रेनें देशभर में दौड़ाने का लक्ष्य है। वहीं, आम जनता के लिए चलने वाली 400 से अधिक अमृत भारत ट्रेनों का भी उत्पादन किया जाएगा। इसमें वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरुआती चरण में 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। जबकि उसके बाद सेमी हाई स्पीड 160-220 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार तक जाएगी। देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन दिसंबर या जनवरी में दिल्ली-कोलकाता अथवा दिल्ली-मुंबई में से किसी एक रेलमार्ग पर चलाने की संभावना है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में 16 कोच होंगे। इसमें 10 कोच एसी-3, चार कोच एसी-2 व एक कोच एसी-1 का होगा। जबकि दो कोच एसएलआर होंगे।
आम ट्रेनों से अधिक होगा किराया
वंदे भारत ट्रेनों के स्लीपर कोच का किराया आम ट्रेनों से अधिक होगा। इस ट्रेन की सीटिंग कोच का किराया भी अन्य आम ट्रेनों से अधिक है। यही व्यवस्था स्लीपर कोच में भी लागू होगी।