पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने भारतीय जनता पार्टी से टिकट कटने के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता के नाम भावनात्मक चिट्ठी लिखी है। वरुण गांधी के ऑफिशियल एक्स (पहले ट्विटर हैंडल पर पोस्ट इस चिट्ठी में उनके पहली बार पीलीभीत आने से लेकर सांसद बनने तक, इस क्षेत्र की जनता से जुड़ाव का जिक्र है तो भविष्य को लेकर संदेश भी। वरुण गांधी ने चिट्ठी की शुरुआत में ही लिखा है कि आज जब यह पत्र लिख रहा हूं तो अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है।
वरुण गांधी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि मुझे वो 3 साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उगली पकड़ कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था। उस तीन साल के बच्चे को कहा पता था कि एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे।मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि वर्षों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला।
उन्होंने आगे लिखा है कि महज एक सांसद के तौर पर ही नहीं, एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श, सरलता और सहृदयता का बहुत योगदान है। आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई।
वरुण ने यह भी लिखा है कि सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो, पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता, सांसद के रूप में नहीं तो बेटे के तौर पर सही, आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध है। वरुण ने पीलीभीत के लोगों के लिए हमेशा अपने दरवाजे पहले की ही तरह खुले रहने की बात कही है और यह भी जोड़ा है कि मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है जो किसी राजनीतिक गुणा भाग में बहुत ऊपर है। उन्होंने अपनी चिट्ठी के अंत में लिखा है कि में आपका था और रहूंगा।
गौरतलब है कि बीजेपी ने इस बार वरुण गांधी का टिकट काट दिया है। पार्टी ने वरुण गांधी की जगह यूपी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि उन्हें कांग्रेस से ऑफर भी मिला और यह भी कयास लगाये जा रहे थे कि समाजवादी पार्टी उन्हें टिकट दे सकती है। लेकिन इस चिट्ठी के बाद सभी अटकलों पर विराम लग गया। वरुण गाँधी भले ही कई मुद्दों पर अपनी पार्टी के विरोध में बोलते रहे हों, लेकिन वह पार्टी का साथ नहीं छोड़ेंगे। एक दिन पहले ही वरुण की टीम की ओर से यह जानकारी दी गई थी कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। गांधी अपनी मां मेनका गांधी के लिए सुल्तानपुर में चुनाव प्रचार करेंगे।