सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील,संविधान विशेषज्ञ और कानूनविद फली एस नरीमन का बुधवार को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह हृदय संबंधी परेशानियों सहित कई बीमारियों से जूझ रहे थे। फाली एस नरीमन का जन्म 10 जनवरी 1929 को हुआ। नरीमन को जनवरी 1991 में पद्म भूषण मिला और 2007 में उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया। उनके बेटे रोहिंटन नरीमन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश भी रह चुके हैं।
70 साल के लंबे और शानदार करियर में नरीमन ने कई ऐतिहासिक मामलों की पैरवी की जिसमें राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग का चर्चित मामला भी शामिल है। इस आयोग को उच्चतम न्यायालय ने भंग कर दिया था। इसके अलावे भी अपने वकालत के करियर में वे कई महत्वपूर्ण मामलो में पेश हुए। इनमें एओआर असोसिएशन मामला, टीएमए पाई मामला (अनुच्छेद- 30 के तहत अल्पसंख्यक अधिकारों का मामला), आदि शामिल है। फली एस नरीमन न्यायपालिका की स्वतन्त्रता के हिमायती थे। नरीमन को मई 1972 में भारत का अडिशनल सॉलिसिटर जनरल बनाया गया था, लेकिन इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में इमरजेंसी लगाए जाने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।