ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos supersonic cruise missile) के लिए भारत ग्राउंड सिस्टम एक्सपोर्ट करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत 19 अप्रैल की सुबह ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos missile) फिलीपींस (Philippines) में उतरेगी। ब्रह्मोस (BrahMos) भारत का दूसरे देश के साथ अब तक का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपोर्ट है। यह ब्रह्मोस मिसाइलें (BrahMos missile) फिलीपींस स्थित मनीला में उतरेंगी। उस समय भारत में लोकसभ चुनाव (lok sabha election 2024) के पहले चरण का मतदान हो रहा होगा। दूसरी ओर डिफेंस एक्सपोर्ट के तहत पहली ब्रह्मोस मिसाइल को 18 अप्रैल यानी आज की रात भारतीय वायुसेना के C-17 विमान से फिलिपिंस पहुंचाया जाएगा, जो अगली सुबह फिलीपींस की राजधानी मनीला पहुंच जाएगा।
चीन के खिलाफ भारत बढ़ा रहा ताकत
भारत फिलीपींस (Philippines) के जरिए चीन (China) से मुकाबला करने की ताकत बढ़ा रहा है। यह ब्रह्मोस मिसाइलें फिलीपीन मरीन कॉर्प्स की कोस्टल डिफेंस रेजिमेंट के लिए बनाई गई है। यह पश्चिम फिलीपीन सागर में उनकी डिफेंसिंग क्षमता को बढ़ा देगा। यह हिस्सा चीन के साथ चल रहे समुद्री विवादों वाला क्षेत्र है।
दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया ने मिलकर बनाया है। इसकी शुरुआती रेंज 290 किलोमीटर तक सीमित थी, जिसे मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजिम (MTCR) में शामिल होने पर बढ़ाया गया था। भारत में ब्रह्मोस के 85 फीसदी पार्ट बनाए गए हैं।
375 मिलियन डॉलर की हुई थी डील
फिलीपींस के साथ साल 2022 की जनवरी में 375 मिलियन डॉलर में डील साइन हुई थी। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 21083 करोड़ रुपये तक पहुंचा है, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 32.5 फीसदी ज्यादा है। वित्त वर्ष 2013-14 के आंकड़ों की तुलना में देश का डिफेंस एक्सपोर्ट 31 गुना बढ़ा है।