विपक्ष के भारी हंगामे के कारण वक्फ संशोधन बिल आज लोकसभा में पास नहीं हो सका। विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया और कहा कि यह संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) ने विधेयक का समर्थन किया। हालांकि, तेदेपा ने इसे संसदीय समिति के पास भेजने की पैरवी की।
बतादें कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में आज ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024′ पेश किया और विभिन्न दलों की मांग के अनुसार विधेयक को संसद की संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव किया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘मैं सभी दलों के नेताओं से बात करके इस संयुक्त संसदीय समिति का गठन करुंगा।
धर्म की स्वतंत्रता पर सीधा हमला… वक्फ विधेयक 2024 का विपक्ष ने किया विरोध, JDU ने किया समर्थन
वहीं विपक्ष के हंगामे के बीच एनडीए के दो प्रमुख घटक दलों जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इससे वक्फ से जुड़ी संस्थाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। हालांकि, तेदेपा ने कहा कि इस विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए। जद(यू) के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में कहा, ‘‘कई (विपक्षी) सदस्यों की बातों से लग रहा है कि यह विधेयक मुसलमान विरोधी है। यह कैसे मुसलमान विरोधी है?’’ उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने मंदिरों की बात की है, लेकिन मंदिर और संस्था में अंतर है।