श्रद्धा और आफताब की घटना ने पूरे देश को झंझोड़ कर रख दिया है। इसमें कारण गुस्सा हो या साजिश, खून भरोसे का हुआ है। लेकिन भरोसे का खून होने की घटनाएं श्रद्धा और आफताब के किस्से तक सीमित नहीं हैं। और भी ऐसी कई घटनाएं हैं, जो इंसान को मारने से पहले भरोसे का गला घोंट देती है। मामला दो कविताओं का है। ये कविताएं किसी स्टेज की शान नहीं बल्कि बेवफाई और खुदगर्जी की मिसाल हैं। एक कविता मायानगरी मुंबई की है तो दूसरी उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद की। दोनों का नाम कविता है और दोनों ने अपने पति की ह’त्या की।
मुंबई की कविता ने दिया जहर
पहली घटना मुंबई की है। जिसमें 3 सितंबर 2022 को बॉम्बे हॉस्पिटल में कमलकांत नाम के शख्स को उसकी पत्नी कविता द्वारा इलाज के लिए भर्ती कराया गया। इलाज चला लेकिन उसकी 19 सितंबर को मौत हो गई थी। लेकिन मौत का कारण अटपटा लग रहा था। तो डॉक्टरों ने हेवी मेटल टेस्ट किया तो पत्नी कविता की असलियत सामने आ गई। रिपोर्ट में आर्सेनिक (Arsenic) और थैलियम (Thallium) मेटल का लेवल बढ़ा हुआ था। क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि पत्नी कविता ने अपने प्रेमी हितेश के साथ होने के लिए पति को खाने और पीने के चीजों में आर्सेनिक व थैलियम मिलाकर दे रही थी।
सु’साइड का दावा निकला ह’त्या का अपराध
दूसरी घटना गाजियाबाद की है। यहां 30 नवंबर को कवि नगर की रहने वाली कविता सर्वोदय हॉस्पिटल में पहुंचती है। कहती है कि उसके पति ने सु’साइड की कोशिश की है। डॉक्टर देखते हैं और उसे मृत घोषित कर देते हैं। लेकिन मामला जब पुलिस के पास जाता है तो भेद खुल जाता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चलता है कि मौत गला घोंटने के कारण हुई है। तब कविता और बच्चों से पूछताछ के बाद मामला खुला। बच्चों ने बताया कि कविता ने उनके पापा और अपने पति महेश के सीने पर बैठकर मुंह दबाकर ह’त्या कर दी। यहां भी भरोसे का ही खून हुआ क्योंकि कविता ने यह कदम अवैध संबंध के कारण उठाया।