योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के रूट पर पड़ने वाले होटल, रेस्टोरेंट, ठेलों पर दुकानदार के नाम लिखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि केवल यह बताना होगा कि भोजनालय में शाकाहारी खाना मिलेगा या मांसाहारी।
SC द्वारा कांवड़ मार्ग पर स्थित भोजनालयों पर ‘नेम-प्लेट’ प्रदर्शित करने वाले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर रोक लगाने पर भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आजाद ने कहा कि दुकानदारों को मालिकों के नाम लिखने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिटलरी फरमान पर माननीय उच्चतम न्यायालय की रोक लगाना। यह फैसला ‘संविधान के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नही होगा’ सिद्धांत को मजबूत करने वाला है। संविधान की जीत हुई। फैसले का हम स्वागत करते है। सांप्रदायिकता मुर्दाबाद, भाईचारा जिंदाबाद।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर महुआ मोइत्रा ने कहा- Thank You, अखिलेश बोले- सौहार्दमेवजयते!
उत्तर प्रद्देश के नगीना के सांसद चन्द्रशेखर ने कहा कि भाजपा और उनके नेता एक ही पहलू देखते हैं लेकिन हम जनता के बीच में रहते हैं इसलिए हर पक्ष देखते हैं… यह संविधान की जीत हुई है। जब इस फैसले का विरोध किया गया तो भाजपा के नेताओं ने हम पर कई आरोप लगाए… मैं जानना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री क्या सुप्रीम कोर्ट को भी कांवड़ विरोधी घोषित करेंगे?…”