आज से नवरात्र की शुरुआत हो रही है। बिहार में देवी दुर्गा के कई मंदिर ऐसे हैं, जिनका धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है। कई की मान्यता शक्तिपीठ, तो कई की मान्यता सिद्धपीठ के तौर पर है। इनमें कुछ ऐसे हैं, जिनके विकास के लिए बिहार सरकार ने भी प्रयास किए हैं। पटना के पटनदेवी और गोपालगंज के थावे मंदिर का सरकार ने विकास कराया है।
देश के 51 शक्तिपीठ में एक मानी जाने वाली बड़ी पटनदेवी से ही शहर का नाम पटना रखा गया। इन्हें पटना की नगर देवी और रक्षक माना जाता है। बड़ी पटन देवी में देवी सती की दाहिनी जांघ गिरे होने की मान्यता है। मंदिर में हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु आते हैं। नवरात्र के वक्त आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाख तक पहुंच जाती है। नवरात्र के वक्त मंदिर परिसर ही नहीं, आसपास के इलाके में भी दिव्य अनुभूति होती है।
मंदिर में काले पत्थर से बनी महाकाली, महालक्ष्मी एवं सरस्वती की प्रतिमा है। भैरव की भी एक प्रतिमा स्थापित की गई है। एक योनि कुंड है, जिसमें डाली गई हवन सामग्री के पाताल तक पहुंचने की मान्यता है। पटनदेवी मंदिर में दिन में सार्वजनिक तौर पर वैदिक तरीके से पूजा होती है, जबकि रात में कुछ देर के लिए पट बंद कर तांत्रिक पूजा भी की जाती है। नवरात्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दर्शन के लिए आते हैं। उन्होंने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 8 करोड़ रुपए भी दिए हैं। इससे आनेवाले दिनों में मंदिर की भव्यता और बढ़ जाएगी।