बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 10,000 रुपए की आर्थिक सहायता राशि ने राज्य में उम्मीदों की लहर जरूर पैदा की थी, लेकिन नवादा जिले (Nawada Protest) में इस योजना को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है। सिरदला प्रखंड में मंगलवार को सैकड़ों महिलाएं योजना का लाभ न मिलने से नाराज होकर जीविका कार्यालय में उमड़ पड़ीं और जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर उतर आईं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पूरे प्रखंड कार्यालय परिसर में अफरातफरी फैल गई और प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा।

सरकार द्वारा महिलाओं के बैंक खातों में 10,000 रुपए ट्रांसफर करने की घोषणा के बाद जिले में लाभ पाने के लिए महिलाओं की भीड़ जीविका समूह के कार्यालयों में लगातार बढ़ रही है। लेकिन सिरदला में बड़ी संख्या में महिलाओं ने आरोप लगाया कि आवेदन जमा करने और दस्तावेज देने के बावजूद उनके नाम योजना की सूची में शामिल नहीं किए गए। नाराज महिलाओं का कहना है कि प्रक्रिया में लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण गरीब महिलाओं को आर्थिक लाभ से वंचित किया जा रहा है।
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प्रदर्शन कर रहीं कई महिलाओं ने यह गंभीर आरोप लगाया कि जीविका कर्मियों ने फॉर्म भरने और नाम जोड़ने के नाम पर उनसे 50 से 100 रुपए तक वसूले, लेकिन इसके बाद भी उन्हें लाभ नहीं मिला। महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि यह सीधा ठगी का मामला है और शिकायतों को लगातार अनसुना किया जा रहा है। जैसे ही विरोध तेज हुआ, मौके पर मौजूद जीविका कर्मी दफ्तर छोड़कर भाग निकले, जिससे भीड़ और भड़क उठी।
स्थिति नियंत्रण से बाहर होते देख महिलाएं सिरदला बाजार पहुंचीं और सड़क पर जाम लगा दिया, जिसके कारण घंटों तक मुख्य मार्ग पर यातायात ठप रहा। प्रखंड कार्यालय के बाहर लगातार तनाव की स्थिति बनी रही, और महिलाएं प्रशासन से जिम्मेदार कर्मियों पर कार्रवाई करने तथा तुरंत योजना का लाभ देने की मांग करती रहीं।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह कोई एक-दो दिन की घटना नहीं है। जिले के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों महिलाओं द्वारा इसी तरह की शिकायतें पहले भी सामने आ चुकी हैं, और फॉर्म शुल्क तथा सूची में मनमानी किए जाने को लेकर कई बार आरोप लग चुके हैं। इससे पूरे मामले में बड़े वित्तीय घोटाले की आशंका गहराती जा रही है।
















