नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है, जहां भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर सटीक हवाई हमले किए हैं। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) के अनुसार, ये हमले 6 और 7 मई की रात को अंजाम दिए गए, जिससे पाकिस्तान में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया।
इस ऑपरेशन का संदर्भ 2025 में भारत-पाकिस्तान सीमा पर जारी संघर्षों से जुड़ा है, जो 23 अप्रैल 2025 को पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद और तीव्र हो गया। इस हमले में 27 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 25 हिंदू पर्यटक, एक ईसाई पर्यटक और एक स्थानीय मुस्लिम शामिल थे। इस घटना के जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ मिसाइल हमले किए।
हालांकि, सैन्य कार्रवाइयों के बीच एक आश्चर्यजनक राजनयिक मोड़ सामने आया है। पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शांति वार्ता की अपील की है, अपनी सरकार से तनाव को कम करने के लिए राजनयिक चैनलों का उपयोग करने का आग्रह किया है। यह अपील सैन्य संघर्ष के जारी रहने के बावजूद की गई है, जिससे क्षेत्र में शांति की संभावनाओं पर सवाल उठ रहे हैं।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि ये कार्रवाई “मापा गया, अनुपातिक और जिम्मेदार” थी, जिसका उद्देश्य आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना और भारत में भेजे जाने वाले संभावित आतंकवादियों को अक्षम करना था। पाकिस्तान ने इन हमलों के जवाब में प्रतिक्रिया देने की धमकी दी है, लेकिन शरीफ की शांति वार्ता की अपील ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।
इस घटनाक्रम के बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक और सैन्य तनाव जारी रहने की संभावना है, जबकि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए शांति वार्ता की मांग बढ़ रही है।