[Team insider] झारखंड पुलिस दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमेटी के कमांडर महाराज प्रमाणिक को सरेंडर करने के छह महीने बाद मीडिया के समक्ष पेश करेगी। रांची जोन के आईजी ऑफिस में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में झारखंड पुलिस विधिवत रूप से सरेंडर करायेगी। महाराजा प्रमाणिक पर 10 लाख का इनामी नक्सली था।
महाराजा प्रमाणिक अगस्त 2021 में किया था सरेंडर
कई कांडो में शमिल नक्सली महाराज प्रमाणिक ने अगस्त 2021 में पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था। दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमेटी के कमांडर था। सरेंडर किए जाने के बाद गुप्त ठिकाने पर महाराज से पूछताछ की जा रही और उसके निशानदेही पर भाकपा माओवादी के खिलाफ सर्च अभियान भी चलाया जा रहा था। इस दौरान झारखंड पुलिस को काफी सफलता भी हाथ लगी है। भाकपा माओवादी संगठन में पतिराम मांझी को सेंट्रल कमेटी बनाकर सारंडा इलाके का प्रभार दिये जाने के बाद से ही माओवादी संगठन में आदिवासी नेताओं के बीच नाराजगी उत्पन हुई थी। जिसके बाद महाराजा प्रमाणिक ने संगठन का साथ छोड़ दिया था।
राज्य पुलिस के साथ साथ एनआइए को भी थी तलाश
महाराज प्रमाणिक की तलाश सरायकेला के कुकुरूहाट, लांजी समेत कई वारदातों में थी। 14 जून 2019 को महाराज प्रमाणिक के नेतृत्व में माओवादियों ने सरायकेला के कुकुरूहाट में पुलिस बलों पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। इसके अलावे मार्च 2021 में लांजी में आईईडी धमाके में भी तीन पुलिसकर्मियों को मारने का आरोप महाराज प्रमाणिक के दस्ते पर लगा था। महाराज प्रमाणिक की तलाश राज्य पुलिस के साथ साथ एनआइए को भी थी। राज्य पुलिस ने महाराज पर दस लाख का इनाम रखा था।
प्रमाणिक को संगठन किया गद्दार घोषित
भाकपा माओवादियों ने महाराज प्रमाणिक को संगठन का गद्दार घोषित कर जनअदालत में सजा देने की बात कही थी। माओवादियों के प्रवक्ता अशोक ने प्रेस बयान जारी कर कहा था कि जुलाई 2021 के पूर्व तीन बार इलाज का बहाना बनाकर महाराज संगठन से बाहर आया था। इस दौरान वह पुलिस के संपर्क में आ गया था। संगठन को इसकी जानकारी मिल गयी। तब 14 अगस्त को वह संगठन छोड़कर भाग गया। संगठन से भागने के साथ ही वह संगठन के 40 लाख, एक एके 47 हथियार, 150 से अधिक गोलियां व पिस्टल लेकर भाग खड़ा हुआ।