आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनसीपी (शरद पवार गुट) ने अकेले मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है। पार्टी 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, जिसमें सीमांचल क्षेत्र की 20 से अधिक सीटों को प्रमुखता दी जाएगी। 27 फरवरी को शरद पवार खुद पूर्णिया पहुंचकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे और आगामी चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे।
20 साल बाद शरद पवार का पूर्णिया आगमन
एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष राहत कादरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 20 वर्षों बाद शरद पवार पूर्णिया का दौरा कर रहे हैं। 2005 में आखिरी बार उन्होंने रंगभूमि मैदान में जनसभा को संबोधित किया था। इस बार पवार के साथ उनकी बेटी और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
सीमांचल में फोकस
राहत कादरी ने बताया कि सीमांचल में एनसीपी का ऐतिहासिक प्रभाव रहा है। कटिहार से तारिक अनवर जैसे दिग्गज नेता एनसीपी के सांसद रह चुके हैं, और इस क्षेत्र में पार्टी का मजबूत आधार है। सीमांचल की 20 से अधिक सीटों पर एनसीपी मजबूती से चुनाव लड़ेगी।
इंडिया अलायंस से अलग राह
हाल ही में लोकसभा चुनाव में इंडिया अलायंस का हिस्सा रही एनसीपी (शरद पवार गुट) ने बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया है। हालांकि, सीमांचल जैसे क्षेत्रों में यदि गठबंधन होता है, तो एनसीपी हिस्सेदारी की मांग कर सकती है।
चुनावी तैयारियों पर जोर
शरद पवार के आगमन को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने तैयारियां तेज कर दी हैं। प्रदेश अध्यक्ष राहत कादरी ने बताया कि शरद पवार पूर्णिया में संगठन की मजबूती और चुनावी रणनीति पर कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं में उनके दौरे को लेकर उत्साह है।
प्रमुख उपस्थित नेता
पूर्णिया में आयोजित बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राहत कादरी, पूर्णिया जिला अध्यक्ष असलम आजाद, अररिया जिला अध्यक्ष मोबिनुल हक, प्रदेश सचिव बिलाल अहमद, युवा उपाध्यक्ष सुजातुल्ला उर्फ मुन्ना, पंचायती राज प्रदेश अध्यक्ष नीरज कुमार ठाकुर सहित कई अन्य नेता शामिल हुए।
एनसीपी का लक्ष्य
एनसीपी (शरद पवार गुट) बिहार विधानसभा चुनाव में अपने पुराने प्रभाव को फिर से स्थापित करना चाहती है। सीमांचल क्षेत्र में पार्टी को अपनी ऐतिहासिक ताकत का भरोसा है, और 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का लक्ष्य रखते हुए पार्टी ने बड़ा दांव खेला है। अब देखना होगा कि शरद पवार का यह दौरा एनसीपी के लिए कितना कारगर साबित होता है।