Bihar SIR: 52 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “ये दादागिरी कर रहे हैं। ये लोकसभा के अध्यक्ष के गरिमा और उनके द्वारा निकाले गए नोटिस कि कोई राजनीतिक दल मकर द्वार पर प्रदर्शन नहीं करेगा लेकिन ये जिस ढंग से ये कर रहे हैं वो दादागिरी है। और जहां तक SIR का मुद्दा है तो जो मृतक हैं वो तो वोट डालने आएंगे नहीं, जो बाहर शिफ्ट हो गए हैं तो वो उनका नाम हटा है इससे उन्हें क्या दिक्कत है। क्या जो भारत के नागरिक नहीं है उन्हें भी वोट देने दिया जाए? विपक्ष भ्रम और अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है।
Bihar voter list controversy: 52 लाख मतदाताओं के नाम हटे.. SIR को लेकर EC पर राहुल गांधी का आरोप
जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने बिहार में जारी SIR के मुद्दे पर कहा, जो यहां का नागरिक नहीं है, वो मतदान कैसे करेगा? चुनाव आयोग ने बिल्कुल सही काम किया है। अच्छा काम हो रहा है। वहीं भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि जो मतदाता फर्जी हैं उन्हें वोटर लिस्ट से हटाना है। उसमें सहयोग करने की बजाय ये उसका विरोध कर रहे हैं। पूरा बिहार, देश का हर राज्य आज इस बात से जूझ रहा है कि फर्जी मतदाता बन गए हैं। RJD हो या कांग्रेस, ये लोग फर्जी मतदाताओं पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं और चुनाव आयोग सही दिशा में कदम उठा रहा है।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने SIR (विशेष गहन समीक्षा) पर कहा, मुझे समझ नहीं आता कि विपक्ष चाहता क्या है। लोकसभा चुनाव के बाद ये ही लोग चुनाव आयोग के पास शिकायत करने गए थे। वे अभी तक महाराष्ट्र चुनाव को गिनाते रहते हैं कि किस तरीके से वहां वोटर लिस्ट के साथ धांधली की गई। डुप्लीकेसी ऑफ वोट का यह लोग बार-बार जिक्र करते हैं।
जब इनकी यह शिकायत रही है और उसको मानते हुए चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया है, जहां गहन समीक्षा की जा रही है जिसके माध्यम से इस बात को सुनिश्चित किया जा रहा है कि जो अधिकृत व्यक्ति है, सिर्फ वो ही मतदान का इस्तेमाल करे। हकीकत यह है कि विपक्ष जानता है कि वो चुनाव नहीं जीतेंगे तो पहले वो EVM पर ठीकरा फोड़ा जाता था और अब वोटर लिस्ट को बहाना बनाया जा रहा है।