NDA Seat Sharing Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए खेमे में सीट बंटवारे को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है। भाजपा कोर ग्रुप की बैठक के बाद सहयोगी दलों के सुर बदल गए हैं और हर कोई अपने राजनीतिक वजन के मुताबिक अधिक सीटों की मांग कर रहा है। हालांकि जदयू ने साफ किया है कि उसका भाजपा और अन्य दलों के बीच सीट बंटवारे में कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा।
जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने ट्वीट कर कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी, हम पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के साथ तालमेल भाजपा का आंतरिक मामला है, इसमें जदयू की कोई भूमिका नहीं है। लेकिन इसी बीच जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार का बयान विवाद का कारण बन गया। नालंदा में उन्होंने कहा कि जदयू इस चुनाव में ‘बड़े भाई’ की भूमिका निभाएगा। इस टिप्पणी पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार किया और कहा कि “कौन बड़ा भाई होगा, यह जब तय होगा तभी तय होगा।”
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कुशवाहा का यह रुख साफ करता है कि छोटे सहयोगी दल जदयू को सहजता से ‘बड़े भाई’ के तौर पर स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं। यह बयानबाजी इस बात का संकेत है कि सीटों की खींचतान आने वाले दिनों में और तेज होगी।
इधर, दिल्ली में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अधिवेशन में जीतन राम मांझी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चुनावी लड़ाई से पहले अपने हथियारों को दुरुस्त करना जरूरी है। मांझी ने स्पष्ट किया कि उनके कार्यकर्ता 20 से 40 सीटों की मांग कर रहे हैं और वे इस भावना को एनडीए की बैठक में रखेंगे। मांझी ने साथ ही यह भी कहा कि उनकी पार्टी अभी तक निबंधित है, मान्यता प्राप्त नहीं है, इसलिए वे इतनी सीट जरूर चाहेंगे जिससे पार्टी को चुनाव आयोग से मान्यता मिल सके।






















