नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। इस दौरान ओडिशा, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। 9 सितंबर को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के बड़े अंतर से हराया। उन्हें कुल 452 मत मिले, जबकि रेड्डी को 300 से भी कम वोटों पर संतोष करना पड़ा। इस नतीजे ने न केवल एनडीए की मजबूती को दिखाया बल्कि विपक्ष की रणनीति की कमजोरी को भी उजागर कर दिया।
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शपथ ग्रहण समारोह के बाद राधाकृष्णन की पहली प्राथमिकता के तौर पर राज्यसभा के नेताओं के साथ बैठक तय की गई है। शुक्रवार दोपहर 12:30 बजे होने वाली इस बैठक में वे उच्च सदन में सहयोग और समन्वय के नए रास्ते तलाशने की कोशिश करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम राधाकृष्णन की सक्रिय और संवादपरक कार्यशैली का संकेत है।
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राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति पद की औपचारिक जिम्मेदारी संभालने से पहले गुरुवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में उनके इस्तीफे की पुष्टि की गई और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया।
इस बीच, इस्तीफे के 53 दिन बाद पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए। धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा दिया था। उनकी उपस्थिति ने शपथ ग्रहण समारोह को और भी खास बना दिया।






















