पटना सिविल कोर्ट ने NEET पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया है। कोर्ट ने पहले गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, लेकिन अब यह फैसला लिया है कि यदि संजीव मुखिया एक महीने के भीतर आत्मसमर्पण नहीं करते हैं या उनकी गिरफ्तारी नहीं होती, तो उनके घर की कुर्की जब्ती की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, संजीव मुखिया नेपाल में छिपे हुए हैं और जल्द ही EOU (Economic Offences Unit) उनकी गिरफ्तारी के लिए नेपाल पुलिस से संपर्क करेगी।
पेपर लीक के मुख्य आरोप
संजीव मुखिया पर कई प्रमुख परीक्षाओं के पेपर लीक करने का आरोप है, जिसमें सिपाही बहाली, BPSC शिक्षक बहाली, NEET और अन्य परीक्षाएं शामिल हैं। जांच में यह साबित हुआ है कि इन सभी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक करने का मास्टरमाइंड वही है। इन मामलों में पुलिस ने संजीव मुखिया को फरार घोषित कर दिया है।
सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द
एक अक्टूबर 2023 को सिपाही भर्ती परीक्षा हुई थी, जिसमें पेपर लीक हो गया। इसके बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया। साथ ही 15 मार्च 2024 को बीपीएससी शिक्षक बहाली परीक्षा और 1 मई 2024 को NEET UG परीक्षा के प्रश्नपत्र भी लीक हो गए। इसके कारण उन सभी परीक्षाओं को लेकर संशय बना हुआ है।
2016 में हुआ था पहला गिरफ्तार
संजीव मुखिया का नाम सबसे पहले 2010 में एक पेपर लीक मामले में आया था, लेकिन तब पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई थी। इसके बाद 2016 में उत्तराखंड में मेडिकल परीक्षा के पेपर लीक के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, दो महीने बाद ही उसे साक्ष्य के अभाव में जमानत मिल गई थी।
पेपर लीक की साजिश और नुकसान की भरपाई
सूत्रों के अनुसार, सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था, जिससे लीक में शामिल लोगों को काफी नुकसान हुआ था। इस नुकसान को भरने के लिए संजीव मुखिया और उसके सहयोगी विशाल ने शिक्षक बहाली परीक्षा के पेपर लीक करने की साजिश रची। यह पूरी योजना एक लाखों रुपये के लेन-देन से जुड़ी थी, जिसमें एक कैंडिडेट से 3 लाख रुपये की डील की गई थी।
इस मामले में जमानत पर बाहर आने के बाद, संजीव मुखिया और उसके साथियों ने फिर से पेपर लीक करने के लिए अन्य उच्च पदों की भर्ती परीक्षाओं को निशाना बनाया। अब यह मामला एक बड़ा सरकारी घोटाला बन गया है, और इसकी जांच तेज़ी से चल रही है।