देश की सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG 2024 एक बार फिर सवालों के घेरे में है। 5 मई को आयोजित इस परीक्षा के पेपर लीक कांड में अब CBI की पूछताछ में जो खुलासे हुए हैं, उसने पूरे सिस्टम की चूलें हिला दी हैं। पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया ने CBI के सामने जो कबूलनामा दिया है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह कोई साधारण धांधली नहीं, बल्कि एक संगठित पेपर माफिया नेटवर्क का हिस्सा था।
गोधरा से जुड़ा पेपर लीक का सीधा लिंक
CBI को दिए बयान में संजीव मुखिया ने माना कि परीक्षा के दिन वह गुजरात के गोधरा में मौजूद था। जय जलाराम स्कूल, जहां NEET का पेपर लीक हुआ, वहां से वह मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर था। यह खुलासा केवल संजीव की संलिप्तता नहीं, बल्कि उसकी मौजूदगी और मंशा दोनों पर गहरा संदेह खड़ा करता है।
DIG रैंक के अफसर का रिश्तेदार भी पेपर गेम में शामिल!
CBI की जांच में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। पेपर लीक नेटवर्क में एक DIG रैंक के पुलिस अधिकारी का रिश्तेदार, विभोर आनंद, भी शामिल था। विभोर ही परीक्षार्थियों और उनके माता-पिता के संपर्क में रहता था और डील फाइनल करता था। उसे वडोदरा के परशुराम राय, जो कि एक शिक्षा सलाहकार और वीजा कंसल्टेंट हैं, से मिलवाता था।
परशुराम, पेपर दिलवाने के नाम पर लाखों की डील करता और अभ्यर्थियों को यह भरोसा दिलाता कि वे परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र देख सकेंगे। इस सौदे के बदले विभोर को मोटा कमीशन मिलता था।
गिरफ्तारियां और बिहार कनेक्शन
गुजरात पुलिस की SIT ने अब तक इस मामले में जय जलाराम स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम शर्मा, शिक्षक तुषार भट्ट, वडोदरा के परशुराम राय, दलाल आरिफ वोहरा और बिहार निवासी विभोर आनंद को गिरफ्तार किया है। दिलचस्प बात यह है कि विभोर को उसके दरभंगा स्थित ससुराल से पकड़ा गया।
संजीव मुखिया का अंतरराज्यीय नेटवर्क
CBI सूत्रों के अनुसार संजीव मुखिया का नेटवर्क बिहार, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में फैला हुआ है। वह न केवल परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कराता है, बल्कि इन्हें सिस्टम के भीतर तक पहुंचाने का तंत्र भी रखता है।
CBI के मुताबिक अब संजीव को गोधरा मामले में पूछताछ के लिए अहमदाबाद ले जाया जा सकता है। पेपर माफिया का यह जाल कितना बड़ा है, इसका अनुमान अभी लगाना मुश्किल है। लेकिन एक बात साफ है — देश की शिक्षा व्यवस्था में भीतर तक जहर घुल चुका है। CBI और SIT की संयुक्त जांच से आने वाले दिनों में और भी बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।