भोजपुरी और हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री में अश्लीलता को लेकर लगातार उठते सवालों के बीच अब यह मामला पटना हाईकोर्ट पहुंच गया है। चर्चित अभिनेत्री नीतू चंद्रा द्वारा दायर जनहित याचिका में अश्लील गानों पर रोक और कार्रवाई की मांग की गई है, जिस पर 11 अप्रैल 2025 को सुनवाई होगी। इस मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ कर रही है।
अदालत ने जताई थी आपत्ति! केंद्र सरकार से मांगा जवाब
इससे पहले हुई सुनवाई में पटना हाईकोर्ट ने याचिका की गंभीरता पर सवाल उठाए थे और केंद्र सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि यह याचिका पूरी तरह से जनहित से जुड़ी हुई नहीं लग रही। लेकिन, इसके बावजूद गानों में बढ़ती अश्लीलता, महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक भाषा और द्विअर्थी शब्दों के उपयोग जैसे मुद्दों को लेकर अदालत ने इस मामले में आगे सुनवाई जारी रखने का फैसला किया।
क्या हैं याचिका में आरोप?
नीतू चंद्रा की याचिका में यह तर्क दिया गया है कि यो यो हनी सिंह उर्फ हिर्देश सिंह के गाने “Maniac” में महिलाओं को अश्लील तरीके से चित्रित किया गया है। याचिका में कहा गया कि महिलाओं को एक ‘सेक्स सिंबल’ के रूप में पेश किया जाता है, जिससे समाज में महिलाओं की छवि को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा, भोजपुरी गानों में महिलाओं के प्रति अमर्यादित भाषा और गंदे शब्दों के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाए गए हैं।
बच्चों और समाज पर पड़ता है बुरा प्रभाव
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि अश्लील गानों के बोल और उनके द्विअर्थी शब्द समाज, खासकर बच्चों और महिलाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इन गानों में महिलाओं को उपभोग की वस्तु की तरह प्रस्तुत किया जाता है, जिससे समाज में गलत मानसिकता को बढ़ावा मिलता है।
क्या हैं कानूनी प्रावधान?
याचिका में यह भी दलील दी गई कि भारतीय संविधान में बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है, लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। अगर कोई इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग करता है और समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
भोजपुरी गानों में अश्लीलता पर भी उठे सवाल
याचिका में विशेष रूप से भोजपुरी गानों में बढ़ती अश्लीलता का मुद्दा उठाया गया है। गानों में बेहूदा बोल, द्विअर्थी संवाद और महिलाओं के प्रति अश्लील शब्दों का इस्तेमाल खुलेआम हो रहा है। लेकिन, इस पर कोई सख्त निर्देश या सेंसरशिप नहीं है, जिससे यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।
याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले में वरीय अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने कोर्ट के समक्ष तर्क प्रस्तुत किए। अब अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 अप्रैल 2025 तय की है। इस दिन यह तय होगा कि क्या सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां अश्लील गानों के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाएंगी या नहीं।