PM KP Oli Resignation: नेपाल में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लगाए गए बैन के विरोध से शुरू हुआ आंदोलन अब देश को गहरे संवैधानिक संकट की ओर धकेल चुका है। शुरुआती दिनों में प्रदर्शनकारियों का गुस्सा केवल सोशल मीडिया बैन पर केंद्रित था, लेकिन बैन हटते ही आंदोलन का फोकस प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को गिराने पर आ गया। बढ़ते दबाव और हिंसक प्रदर्शनों के बीच आखिरकार प्रधानमंत्री ओली ने पद से इस्तीफा दे दिया।
सूत्रों के अनुसार, इस्तीफे से पहले ही सेना प्रमुख और नेपाली कांग्रेस ने उन्हें पद छोड़ने की सलाह दी थी। हालात तब और गंभीर हो गए जब सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के दफ्तर में घुस गए। इसके बाद ओली ने तुरंत अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री के चार कैबिनेट मंत्री पहले ही त्यागपत्र दे चुके थे और अब ओली भी इस्तीफा देने के बाद दुबई जाने की तैयारी कर रहे हैं।
नेपाल में यह राजनीतिक संकट केवल सत्ता तक सीमित नहीं है, बल्कि आम लोगों की जिंदगी पर भी गहरा असर डाल रहा है। सोमवार सुबह की हिंसा में 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जिसके बाद भीड़ का गुस्सा और भड़क उठा। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के निजी आवास में आग लगा दी। मंत्रियों को उनके घरों में बंधक बना लिया गया, जिन्हें सेना ने चॉपर की मदद से रेस्क्यू किया।
सोशल मीडिया बैन से शुरू हुई विद्रोह की चिंगारी अब पूरे नेपाल में फैल चुकी है। बड़ी संख्या में युवा हाथों में लाठी-डंडे और पत्थर लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि पुलिस-प्रशासन को नियंत्रित करने में भारी दिक्कत हो रही है। संसद भवन तक को आग के हवाले कर दिया गया और कई उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे नेताओं के घरों पर हमले किए गए।



















