भारी विवाद के बीच वक्फ़ संशोधन विधेयक 2025 अब कानून बन गया है। इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। इसे मंजूरी से पहले दोनों सदनों से पास करवाया गया। उसके बाद अब राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई है। सरकार ने एक अधिसूचना में कहा, ‘संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम को 5 अप्रैल, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और इसे सामान्य जानकारी के लिए प्रकाशित किया जाता है। वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025’।
वहीं, इस नये कानून को लेकर कांग्रेस, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (AAP) ने अलग-अलग याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। देश के अलग-अलग राज्यों में कई मुस्लिम संगठन इसके विरोध में प्रदर्शन भी कर रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार के अनुसार यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं और इसका उद्देश्य पक्षपात, वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना है।
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मालूम हो कि, लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे। वहीं, राज्यसभा में बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े थे। इसके साथ ही राज्यसभा में विपक्ष की ओर से लाए गए तमाम संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गए थे।
आपको बताते चलें कि,इसको लेकर सरकार का कहना है कि इस कानून से मुस्लिम महिलाओं को लाभ होगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. वक्फ संशोधन बिल का एक महीन पहले नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने विरोध किया था। हालांकि बाद में विधेयक पर विचार-विमर्श के बाद बीजेडी ने अपने सांसदों को स्वतंत्र होकर वोटिंग करने को लिए कहा।