बिहार के युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को बिहार विधानसभा में 2025-26 का बजट पेश करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाने की घोषणा की। बजट में बताया गया कि राज्य के 534 प्रखंडों में से 358 प्रखंडों में अब तक कोई अंगीभूत (संलग्न) या राजकीय डिग्री महाविद्यालय नहीं है। सरकार ने इन सभी प्रखंडों में चरणबद्ध तरीके से एक-एक डिग्री कॉलेज (सरकारी या निजी) स्थापित करने का संकल्प लिया है।
शिक्षा से आत्मनिर्भर बिहार की ओर
बिहार में उच्च शिक्षा की स्थिति हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है। कई ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में छात्रों को कॉलेज न होने की वजह से या तो लंबी दूरी तय करनी पड़ती है या फिर पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। सरकार की इस नई योजना से अब हर प्रखंड में कॉलेज उपलब्ध होंगे, जिससे राज्य के लाखों छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा अपने ही जिले में मिल सकेगी।
358 प्रखंडों में खुलेगा नया अवसरों का द्वार
यह योजना बिहार में शिक्षा के परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकती है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों के छात्रों, खासकर लड़कियों, को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
- उच्च शिक्षा होगी सुलभ: अब छात्रों को पढ़ाई के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं होगी।
- छात्राओं को मिलेगा बड़ा फायदा: लड़कियों के लिए घर के पास कॉलेज होने से शिक्षा में उनका नामांकन बढ़ेगा।
- रोजगार और आर्थिक विकास: नए कॉलेज खुलने से स्थानीय स्तर पर शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।
- बिहार की शिक्षा क्रांति: यह कदम बिहार को शिक्षा हब बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल है।
सरकार का विजन: हर प्रखंड में उच्च शिक्षा
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि “हमारा लक्ष्य है कि बिहार के हर प्रखंड में उच्च शिक्षा उपलब्ध हो। हमारी सरकार शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने और हर छात्र तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”