बिहार की राजनीति में अब भोजपुरी सिनेमा के सितारों का टकराव (Nirahua vs Khesari Lal Yadav Controversy) चुनावी मुद्दों से भी ज्यादा सुर्खियों में है। एक ओर राजद प्रत्याशी और भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव अपने विकास-केंद्रित बयानों को लेकर चर्चा में हैं, तो दूसरी ओर भाजपा सांसद और अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने उन पर तीखा हमला बोलकर माहौल को और गरमा दिया है।
निरहुआ ने खेसारी लाल को ‘यदु मुल्ला’ कहकर संबोधित किया और कहा, “उसकी हिम्मत कैसे हुई यह कहने की कि जहां राम मंदिर बना है वहां अस्पताल बनेगा? राम मंदिर के लिए हमने 500 साल इंतजार किया, और वह उसका विरोध कैसे कर सकता है? इसलिए मैंने उसे यदु मुल्ला कहा है — वह यादव नहीं हो सकता।”
इस बयान के साथ ही धार्मिक और जातीय राजनीति का नया अध्याय खुल गया है। निरहुआ ने आगे कहा कि “बिहार को जंगलराज नहीं चाहिए, यहां सुशासन की सरकार है और रहेगी। बीजेपी की सरकार में बिहार ने विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है।”
खेसारी लाल यादव बोले- मंदिर ज़रूरी है, पर अस्पताल और रोजगार भी भगवान से कम नहीं..
भोजपुरी इंडस्ट्री के एक और बड़े नाम और भाजपा नेता पवन सिंह ने भी इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हर किसी को घोषणा करने का अधिकार है, लेकिन “नतीजे आने के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा। रिजल्ट ही बताएगा कि जनता किसके साथ है।” तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के आमने-सामने उतरने की चर्चाओं पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “उतारने दीजिए दो हेलीकॉप्टर, सबको अपना प्रचार करने दीजिए, जनता तय करेगी कि कौन कितना ऊंचा उड़ सकता है।”
पवन सिंह ने खेसारी और निरहुआ के बीच चल रही तनातनी पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि “बिलकुल सही कहा है निरहुआ ने। क्या-क्या मंच पर बोलता है खेसारी… हमसे ज्यादा सच्चाई किसी को नहीं पता। हम जनता के लिए काम करते हैं, किसी की छवि बिगाड़ने के लिए नहीं।”
वहीं गोरखपुर से भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन ने इस पूरे घटनाक्रम को आरजेडी पर पलटवार का मौका बना लिया। उन्होंने कहा कि “महागठबंधन को एहसास हो गया है कि उसकी बहुत बड़ी हार होने वाली है। बिहार में एनडीए के लिए बहुत बड़ी लहर है। जनता जंगलराज नहीं चाहती, वह पहले ही काफी आगे बढ़ चुकी है, और 14 नवंबर को बिहार इस बदलाव का उत्सव मनाएगा।”






















