नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लद्दाख के लेह में कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन किया। यह कदम भारत सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो दूरदराज के क्षेत्रों में समावेशी विकास और मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए की गई है। चार दिन के दौरे के पहले दिन, वित्त मंत्री ने लेह में स्थानीय अधिकारियों के साथ रचनात्मक बैठकें भी की, जिसमें क्षेत्र की प्रगति से संबंधित चल रही पहलों की समीक्षा की गई।
इस अवसर पर, वित्त मंत्री ने लेह में शांति स्तूप का भी दौरा किया और स्थानीय हस्तशिल्प व हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) व स्थानीय उद्यमियों से बातचीत की। यह पहल न केवल आर्थिक समावेश को बढ़ावा देगी, बल्कि क्षेत्र के पारंपरिक कला-कौशल को भी वैश्विक मंच पर लाने में मदद करेगी। लेह पैलेस और अन्य सांस्कल्पिक स्थलों की यात्रा के दौरान, सीतारमण ने लद्दाख स्वायत्त हिल विकास परिषद (LAHDC) के कार्यकारी परिषद के सदस्यों के साथ भी विचार-विमर्श किया।
2024 में शुरू की गई NITI Aayog की “D3S-i” पहल के तहत, लद्दाख के दूरदराज गांवों के लिए ग्रिड कनेक्टिविटी परियोजनाओं को Rs. 1,200 करोड़ की संशोधित लागत के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। एक 2023 की विश्व बैंक रिपोर्ट के अनुसार, बुनियादी ढांचे में निवेश से दूरदराज के क्षेत्रों में जीडीपी वृद्धि 1.5% तक बढ़ सकती है। इसके अलावा, एक 2022 के अध्ययन के अनुसार, इस तरह की परियोजनाएं क्षेत्रीय असमानताओं को दशक भर में 20% तक कम कर सकती हैं।
लद्दाख, जिसकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 2.74 लाख है, के लिए यह कदम आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। वित्त मंत्री के इस दौरे से न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी, जो क्षेत्र को आधुनिक युग में आत्मनिर्भर बनाएगी।