बिहार की राजनीति में जातीय प्रतिनिधित्व और सामाजिक न्याय की मांग फिर सुर्खियों में है। वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि निषाद समाज अब सिर्फ वोट नहीं देगा, बल्कि सत्ता में भागीदारी मांगेगा। उन्होंने भाजपा के नेताओं पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “अब निषाद समाज किसी का झोला नहीं उठाएगा।” यह बयान उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल के उस तंज का जवाब देते हुए दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि “मुंबई से आए लोग भाजपा का झोला नहीं उठाएंगे।”
मुकेश सहनी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, “20 वर्षों से NDA की सरकार है, लेकिन निषाद आयोग का गठन आज तक नहीं हुआ।” उन्होंने याद दिलाया कि गृह मंत्री अमित शाह ने निषाद समाज को मंत्री और एमएलसी पद देने का वादा किया था, लेकिन वह आज तक अधूरा है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा बिहार के 6 जिलों में बड़ी रैलियां करने जा रही है और निषाद समुदाय को साथ लाने की कोशिश में लगी है। सहनी ने साफ कर दिया कि अब समाज बहकावे में आने वाला नहीं है, और अगर आरक्षण नहीं मिला, तो समुदाय खुलकर विरोध करेगा।
महागठबंधन को लेकर सीट बंटवारे की चर्चाओं को खारिज करते हुए सहनी ने कहा कि उनके पास पर्याप्त सीटें हैं और “इस बार अति पिछड़ा वर्ग का बेटा डिप्टी सीएम बनेगा।” यह बयान आने वाले चुनावों में VIP पार्टी की प्रमुख मांग को दर्शाता है, जो उन्हें पिछड़े वर्ग का सबसे सशक्त प्रतिनिधि बनाता है।
सहनी ने बताया कि उनकी पार्टी “फुले” फिल्म को बिहार के हर गांव में प्रोजेक्टर के जरिए दिखाएगी। साथ ही, राज्य के सभी सिनेमाघरों में इसे रिलीज कर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यह रणनीति सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्ग की चेतना को जन-जन तक पहुंचाने की योजना का हिस्सा है।