नई दिल्ली: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस के दिवंगत नेता हरिकिशन लाल भगत (HKL Bhagat) के नेतृत्व में 150 से अधिक सांसदों को सोवियत रूस से फंडिंग मिली थी। यह आरोप उन्होंने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के 2011 में जारी एक दस्तावेज के हवाले से लगाया है। दुबे ने दावा किया कि ये सांसद रूस के “एजेंट” की तरह काम करते थे और देश को “बिचौलियों की कठपुतली” बना दिया गया था।
दस्तावेज का हवाला और गंभीर आरोप दुबे ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट में इस दस्तावेज को साझा करते हुए कांग्रेस से जवाब मांगा है कि क्या इसकी जांच होनी चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि उस दौर में रूस ने 16,000 समाचार लेख छपवाकर भारत में अपनी पैठ मजबूत की थी। इसके अलावा, रूसी खुफिया एजेंसी के 1100 लोग भारत में सक्रिय थे, जो नौकरशाहों, कारोबारी संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और ओपिनियन मेकर को प्रभावित करते थे। दुबे ने यह भी दावा किया कि कई पत्रकार भी रूस के प्रभाव में थे।
सुभद्रा जोशी पर भी निशाना बीजेपी सांसद ने कांग्रेस की पूर्व उम्मीदवार सुभद्रा जोशी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सुभद्रा जोशी ने सोवियत रूस के दौर में जर्मन सरकार से चुनाव के लिए 5 लाख रुपये लिए थे। चुनाव हारने के बाद वे इंडो-जर्मन फोरम की अध्यक्ष बन गईं। दुबे ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस इन सवालों का जवाब देगी?
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विवाद यह आरोप उस समय सामने आया है जब हाल ही में एक 2022 की अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि रूस ने 2014 के बाद से वैश्विक स्तर पर राजनीतिक प्रभाव के लिए 300 मिलियन डॉलर खर्च किए। ठंडे युद्ध के दौरान सोवियत संघ की भारत में प्रभावशाली गतिविधियों के प्रमाण पहले भी मिले हैं, जिसमें मीडिया और राजनीतिक हस्तियों को फंडिंग शामिल थी। हालांकि, 16,000 समाचार लेखों के दावे की स्वतंत्र पुष्टि अभी तक किसी समीक्षित अध्ययन में नहीं हुई है।
प्रतिक्रिया और आगे की राह कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी तक इस आरोप पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस बीच, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर ये दावे सही साबित हुए, तो यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास पर गहरा सवाल उठाएगा। सीआईए के दस्तावेजों और रूसी राज्य रिकॉर्ड्स की जांच की मांग तेज हो सकती है, जो अभी आंशिक रूप से ही सार्वजनिक हैं।