गया जिले के बेलागंज में शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Gaya Rally News) की चुनावी रैली के दौरान अचानक एक अप्रत्याशित घटना घट गई। जेडीयू प्रत्याशी मनोरमा देवी के समर्थन में आयोजित इस जनसभा में जैसे ही नीतीश कुमार मंच पर पहुंचे, समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत करने के लिए बड़ी माला लेकर मंच पर चढ़ना शुरू कर दिया। समर्थकों की भीड़ बढ़ने से मंच का एक हिस्सा अचानक धंस गया, जिससे कुछ समय के लिए अफरातफरी मच गई।
ध्वनि और हलचल सुनते ही सुरक्षा कर्मी तुरंत हरकत में आए। उन्होंने सभी को मंच से नीचे उतरने का निर्देश दिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी सुरक्षित नीचे उतारा गया। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी को कोई चोट नहीं आई। कुछ ही मिनटों में स्थिति नियंत्रण में आ गई और सभा का माहौल सामान्य हो गया।
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घटना के बाद भी नीतीश कुमार ने संयम और शांति के साथ सभा को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण में पिछले 20 वर्षों में बिहार में हुए विकास कार्यों का उल्लेख किया और कहा कि राज्य आज जिस मुकाम पर है, वहां तक पहुंचने के लिए उनकी सरकार ने लगातार काम किया है। नीतीश ने कहा कि “पहले के दौर में बिहार में दंगे, भय और कुप्रबंधन का माहौल था। बच्चे स्कूल नहीं जाते थे, अस्पतालों में इलाज की सुविधा नहीं थी, न बिजली थी न सड़कें। लेकिन आज बिहार में विकास और शांति की पहचान बन चुकी है।”
सीएम ने अपने भाषण में पूर्ववर्ती सरकारों पर परिवारवाद का आरोप भी लगाया। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि “जब सत्ता जाने की बारी आई तो पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया गया। उस दौर में बिहार भय और असुरक्षा का प्रतीक बन गया था। लेकिन अब न डर है न हिंसा — बिहार अब विकास और शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
इस रैली में नीतीश कुमार के साथ जेडीयू के वरिष्ठ मंत्री विजय चौधरी और अशोक चौधरी भी मंच पर मौजूद थे। मंच धंसने की इस घटना ने भले ही कुछ समय के लिए हलचल पैदा की हो, लेकिन मुख्यमंत्री की त्वरित प्रतिक्रिया और सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता से स्थिति नियंत्रण में आ गई।






















