Nitish Kumar hijab Controversy: बिहार की राजनीति इन दिनों एक ऐसे मुद्दे पर गरमा गई है, जिसने महिला सम्मान, धार्मिक पहचान और सत्ता की संवेदनशीलता को एक साथ बहस के केंद्र में ला खड़ा किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान एक मुस्लिम महिला चिकित्सक का नकाब हटाने की घटना अब केवल एक क्षणिक विवाद नहीं रह गई है, बल्कि यह सामाजिक और राजनीतिक विमर्श का बड़ा विषय बन चुकी है।
इस पूरे घटनाक्रम पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह मामला सुलझने के बजाय लगातार तूल पकड़ता जा रहा है, जो कि दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। मायावती का मानना है कि मंत्रियों और नेताओं की गैर-जरूरी बयानबाजी ने इस संवेदनशील मुद्दे को और अधिक भड़काने का काम किया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर किए गए अपने विस्तृत पोस्ट में मायावती ने कहा कि पहली नजर में ही यह घटना महिला सुरक्षा और सम्मान से जुड़ी हुई प्रतीत होती है, इसलिए मुख्यमंत्री स्तर पर तत्काल हस्तक्षेप कर इसे वहीं समाप्त कर देना चाहिए था। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब देश के अलग-अलग हिस्सों से महिला सम्मान से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं, तब किसी भी सार्वजनिक मंच पर इस तरह की घटना बेहद चिंताजनक संदेश देती है।
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दरअसल, यह घटना सोमवार को उस समय हुई जब आयुष चिकित्सकों को उनके नियुक्ति पत्र दिए जा रहे थे। इसी दौरान जब एक महिला डॉक्टर मंच पर पहुंचीं, तो मुख्यमंत्री ने उनके नकाब को लेकर टिप्पणी करते हुए उसे हटा दिया। इस क्षण का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और देखते ही देखते राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं।
विपक्षी दलों ने इस मामले को महिला गरिमा और धार्मिक स्वतंत्रता से जोड़ते हुए मुख्यमंत्री से बिना शर्त माफी की मांग की। वहीं, मायावती ने न केवल इस घटना पर बल्कि बहराइच में हुई विवादास्पद पुलिस परेड की घटना पर भी चिंता जाहिर की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका फोकस केवल एक राज्य या एक घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि वे व्यापक सामाजिक प्रभाव की ओर इशारा कर रही हैं। मायावती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की कि वे इस पूरे प्रकरण पर खेद जताएं और विवाद को समाप्त करें, ताकि यह संदेश जाए कि लोकतंत्र में सत्ता से बड़ा नागरिक का सम्मान होता है।






















