Nitish Kumar Hijab Controversy: बिहार की राजनीति एक बार फिर भावनाओं, प्रतीकों और सियासी आरोप-प्रत्यारोप के केंद्र में आ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ा एक वायरल वीडियो सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तीखी बहस का विषय बना हुआ है। वीडियो में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का एक मुस्लिम महिला के हिजाब को लेकर किया गया व्यवहार अलग-अलग राजनीतिक दलों द्वारा अलग-अलग नजरिए से देखा जा रहा है। जहां सत्ता पक्ष इसे मानवीय स्नेह और अभिभावकत्व से जोड़ रहा है, वहीं विपक्ष इसे महिला सम्मान और अल्पसंख्यक गरिमा के सवाल के रूप में पेश कर रहा है।
बिहार सरकार के मंत्री मोहम्मद ज़मा खान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक मुस्लिम महिला का हिजाब हटाने की कोशिश करने वाले वायरल वीडियो पर कहा कि यह दुख की बात है कि आज के नेताओं का स्तर इतना गिर गया है कि उन्हें समझ नहीं आता कि वे क्या कह रहे हैं। जिस नेता(नीतीश कुमार) के बारे में वे बात कर रहे हैं, उन्होंने बिहार में सभी जातियों, धर्मों और वर्गों के लोगों का सम्मान किया है और उनके लिए काम किया है। सब लोग उनके व्यवहार को जानते हैं। वे किसी को यह महसूस नहीं कराते कि वह बिहार के मुख्यमंत्री हैं। वे उन्हें महसूस कराते हैं कि वह उनके अभिभावक हैं।
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जमा खान ने कहा कि कल की जो बात लोग कर रहे हैं, वह उनकी बेटी जैसी लड़की है, यह स्नेह का भाव है। नीतीश कुमार बिहार में रहने वाले सभी जातियों और धर्मों के लोगों से प्यार करते हैं और अल्पसंख्यक समुदाय का बहुत सम्मान करते हैं। जब कोई ऐसे नेता पर उंगली उठाता है तो दुख होता है। वह सबका सम्मान करते हैं और सबसे प्यार करते हैं। ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए। आरोप लगाने से पहले लोगों को सोचना चाहिए कि वे किस पर आरोप लगा रहे हैं – उस व्यक्ति पर जिसने बिहार को इतना संवारा है।
वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल ने इस मुद्दे को पूरी तरह अलग दृष्टिकोण से देखा है। राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाया कि सार्वजनिक मंच से नियुक्ति पत्र बांटने जैसे औपचारिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का इस तरह का व्यवहार निंदनीय है। उनके अनुसार यह घटना यह दिखाती है कि मुख्यमंत्री की मानसिक और राजनीतिक स्थिति क्या है। तिवारी ने इसे महिला सम्मान से जोड़ते हुए कहा कि एक तरफ सरकार महिला सशक्तिकरण और सम्मान की बातें करती है, दूसरी तरफ सार्वजनिक मंच पर एक मुस्लिम महिला के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है। उन्होंने इस विवाद को भाजपा की राजनीतिक रणनीति से भी जोड़ा और कहा कि भाजपा चाहती है कि नीतीश कुमार को हटाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कब्जा किया जाए, इसलिए ऐसे मुद्दों को हवा दी जा रही है।






















