Nitish Kumar Hijab Video: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ा एक वायरल वीडियो अब सिर्फ सोशल मीडिया बहस तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने उत्तर प्रदेश की राजनीति और कानून व्यवस्था में भी हलचल पैदा कर दी है। मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने की कोशिश से जुड़े इस कथित वीडियो को लेकर समाजवादी पार्टी की नेत्री सुमैया राना ने लखनऊ के कैसरबाग थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में न सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम शामिल है, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद को भी आरोपी बनाया गया है। मामला अब दो राज्यों की राजनीति, संवैधानिक मर्यादा और महिला सम्मान के सवाल से जुड़ता जा रहा है।
दरअसल, हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि पटना में आयोजित आयुष डॉक्टरों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच पर मौजूद एक महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने की कोशिश की। वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने इसे महिला गरिमा और धार्मिक पहचान से जोड़ते हुए मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोला। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी की नेता सुमैया राना ने इस मामले को कानूनी मोड़ देने का फैसला किया।
सुमैया राना ने लखनऊ पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक मंच पर किसी महिला के साथ इस तरह का व्यवहार न सिर्फ आपत्तिजनक है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी देता है। उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत कार्रवाई की मांग की है, जो महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने से जुड़ी है। हालांकि, समाचार लिखे जाने तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी, लेकिन शिकायत दर्ज होने के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद का एक बयान सामने आया। नीतीश कुमार के बचाव में दिए गए उनके बयान को सपा नेत्री ने भड़काऊ और असंवेदनशील बताया। संजय निषाद ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ नकाब को छुआ, अगर चेहरा या कहीं और हाथ लग जाता तो क्या होता। इस बयान को लेकर सपा नेता ने आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह की टिप्पणी महिला सम्मान और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है।
सुमैया राना के वकील मिशम जैदी का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक वीडियो तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके बाद दिए गए बयान भी कानूनी दृष्टि से गंभीर हैं। उनके अनुसार, संजय निषाद का बयान धार्मिक भावनाओं को भड़काने की श्रेणी में आता है, जिस पर आईपीसी की धारा 153A के तहत कार्रवाई हो सकती है। वहीं, नीतीश कुमार के कथित कृत्य को महिला की मर्यादा भंग करने का मामला बताते हुए धारा 354 के अंतर्गत अपराध बताया गया है।
मंत्री संजय निषाद ने विवाद बढ़ने के बाद अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ स्थिति को शांत करने के लिए ऐसा कहा था, न कि किसी की भावनाएं आहत करने के लिए।






















