बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैमूर (Nitish Kumar Kaimur) जिले में विकास की नई दिशा तय करते हुए 980.15 करोड़ रुपये लागत की 178 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। यह आयोजन भभुआ स्थित सरदार बल्लभभाई पटेल कॉलेज परिसर में हुआ, जहां मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से योजनाओं का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने पेंशनधारियों, जीविका दीदियों और अन्य लाभार्थियों से संवाद कर योजनाओं के सामाजिक प्रभावों को साझा किया।
नीतीश कुमार ने 854.66 करोड़ रुपये की लागत से 51 परियोजनाओं का शिलान्यास और 125.49 करोड़ रुपये की लागत से 127 योजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें जमानिया से ककरैत गंगाजल उद्वह सिंचाई योजना (528 करोड़ 44 लाख रुपये), कुदरा-चेनारी-मल्हीपुर पथ चौड़ीकरण (147 करोड़ रुपये), रेहल-रोहतासगढ़ किला-चौरासन मंदिर सड़क निर्माण (66.89 करोड़ रुपये) और सड़क, डिग्री कॉलेज व खेल मैदान जैसी परियोजनाएं शामिल रहीं। इन योजनाओं से कृषि, शिक्षा, परिवहन और ग्रामीण अवसंरचना में व्यापक सुधार होने की संभावना जताई जा रही है।

समारोह में उपस्थित लोगों ने मुख्यमंत्री को पेंशन बढ़ाने और मुफ्त बिजली जैसी योजनाओं के लिए धन्यवाद दिया। वृद्धजनों, विधवाओं और दिव्यांगजनों की पेंशन राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये किए जाने को बड़ी राहत माना गया। वहीं, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 125 यूनिट फ्री बिजली योजना को भी जनता ने उपयोगी बताया।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, जीविका दीदियों को आसान ब्याज दर पर लोन और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि जैसे कदमों ने सामाजिक और आर्थिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव की राह खोली है। कलाकारों ने भी “मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना” से मिली 3 हजार रुपये की मासिक पेंशन को लेकर संतोष व्यक्त किया।

अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने याद दिलाया कि 2006 में जब उनकी सरकार ने विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूह (SHG) को बढ़ावा दिया, तब से महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बिहार ने बड़ी छलांग लगाई है। उन्होंने कहा कि “जीविका” नाम देने के बाद यह योजना आज पूरे देश में “आजीविका” के नाम से लागू की गई। मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों को आगे बढ़ने और बुलंदी हासिल करने के लिए प्रेरित किया और आश्वस्त किया कि सरकार हर कदम पर उनके साथ है।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा, मंत्री मो० जमा खान, वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि और हजारों की संख्या में लाभार्थी मौजूद रहे। कैमूर के लोगों ने इस कार्यक्रम को जिले के विकास की ऐतिहासिक शुरुआत बताया।






















