एनडीए विधायक दल का नेता चुने जाने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने स्पष्ट संदेश दे दिया कि नई सरकार का फोकस तेज विकास, काम की गति और केंद्र के साथ बेहतर समन्वय पर होगा। विधानसभा परिसर से बाहर निकलते हुए नीतीश कुमार ने मीडिया से अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि अब बिहार में पहले से अधिक काम किया जाएगा और केंद्र सरकार तथा प्रधानमंत्री से पूरा सहयोग मिल रहा है।
उन्होंने आरजेडी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2005 से पहले विकास का कोई ठोस काम नहीं हुआ। नीतीश कुमार ने विधानसभा के सेंट्रल हॉल की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह हॉल भी उनके कार्यकाल में ही बना था। उन्होंने दावा किया कि अब जब सभी राजनीतिक गणित साफ हो गए हैं, तो सरकार और तेजी से योजनाओं को धरातल पर उतारेगी।
बुधवार को बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल में एनडीए विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें चिराग पासवान और जीतन राम मांझी भी मौजूद थे। बैठक के दौरान बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से मंजूर किया। नाम की घोषणा होते ही पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि एनडीए एकजुट होकर नई सरकार को मजबूती देने जा रहा है।
नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार अपने आवास लौटे, जहां बीजेपी नेताओं के साथ विस्तृत चर्चा हुई। इसके तुरंत बाद वे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। साथ ही एनडीए विधायकों के समर्थन पत्र भी सौंपे गए, जिसके आधार पर उन्होंने नई सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया।
इस घटनाक्रम के बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव दर्ज हो गया है। नीतीश कुमार की वापसी और उनके पहले बयान से यह संकेत साफ है कि आने वाले दिनों में राज्य की प्रशासनिक और विकासात्मक योजनाओं की गति तेज होने वाली है।






















