बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar Election Marathon) ने बुधवार को अपने गृह जिले नालंदा में चुनावी अभियान के दौरान एक नया राजनीतिक रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने एक ही दिन में जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों—राजगीर, अस्थावां, बिहार शरीफ, नालंदा, इस्लामपुर, हिलसा और हरनौत—में जनसभाओं को संबोधित कर दिखा दिया कि वे अब भी राज्य की राजनीति के सबसे ऊर्जावान नेताओं में शामिल हैं।
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सुबह साढ़े दस बजे से शुरू हुआ यह चुनावी मैराथन शाम पौने छह बजे तक चला। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सड़क मार्ग से लगभग 120 किलोमीटर की यात्रा की और हर विधानसभा क्षेत्र में लगभग आधे घंटे तक जनता से संवाद किया। हर सभा स्थल पर कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया और “फिर एक बार, नीतीश कुमार” के नारे गूंजते रहे।

नीतीश कुमार ने अपने संबोधनों में कहा कि बिहार ने पिछले दो दशकों में विकास और स्थिरता का जो रास्ता अपनाया है, उसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि “एनडीए सरकार ने हर गांव तक सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं पहुंचाई हैं। अब हमारा लक्ष्य है रोजगार और उद्योग को मजबूत बनाना।” उन्होंने प्रत्येक क्षेत्र में एनडीए उम्मीदवारों के लिए समर्थन मांगा और कहा कि “यह चुनाव बिहार के विकास की निरंतरता का चुनाव है।”

मुख्यमंत्री ने अस्थावां में जदयू के डॉ. जितेंद्र कुमार, बिहार शरीफ में भाजपा के डॉ. सुनील कुमार, नालंदा में श्रवण कुमार, हिलसा में कृष्ण मुरारी शरण, इस्लामपुर में रुहैल रंजन और हरनौत में हरीनारायण सिंह के लिए जनता से वोट देने की अपील की।
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने इस ऐतिहासिक दिन को “राजनीतिक ऊर्जा का प्रतीक” बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “बिना थके, बिना रुके, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने 10 घंटे में सात विधानसभा क्षेत्रों की यात्रा कर सात जनसभाएं कीं। यह सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि जनता से सीधा संवाद और भरोसे की पुनर्पुष्टि थी।”






















