भागलपुर के अतिथि गृह सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जदयू महासचिव मनीष कुमार वर्मा ने सबसे पहले जातीय जनगणना को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति के आधार पर ही कराई जाएगी। उनका कहना था कि यह कदम समाज के पिछड़े वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में बेहद ज़रूरी है। इस दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव को भी आड़े हाथों लिया। नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि तेजस्वी पहले अपने पिता लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य को देखें फिर किसी और नेता के स्वास्थ्य पर टिप्पणी करें।
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वहीं उन्होंने जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने उनकी रैलियों को कुर्सियों की रैली बताया और कहा कि उनकी भीड़ भाड़े के लोगों की होती है जिनका पार्टी या विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं आरसीपी सिंह पर पूछे गए सवाल पर मनीष वर्मा ने कहा कि 16 साल तक वे हमारे साथ रहे तब उन्हें कोई भ्रष्टाचार नहीं दिखा। अब जब अलग हो गए हैं तो उन्हें भ्रष्टाचार नजर आ रहा है। यह केवल धोखे की राजनीति है।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में शराबबंदी को लेकर भी जदयू नेताओं ने अपनी राय रखी। मनीष वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब शराबबंदी लागू की थी तब बिहार की हर गली में शराब खुलेआम बिकती थी। अब इस निर्णय से महिलाओं को सीधा लाभ मिला है और वे पहले से कहीं ज़्यादा सुरक्षित महसूस कर रही हैं। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अब राज्य में ड्रग्स का चलन बढ़ रहा है जो नई चुनौती बनकर सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को नशे से मुक्त करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है लेकिन अब ड्रग्स की लत चिंता का विषय बन रही है। हमें इससे भी सख्ती से निपटना होगा।