राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाक़ात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एमएलसी गुलाम गौस (MLC Ghulam Gaus) के एक बयान ने बिहार में सियासी तूफान ला दिया है। एक तरफ देशभर में वक्फ बिल का विरोध हो रहा है तो दूसरी तरफ मोदी सरकार कल यानी 2 अप्रैल को संसद में बिल पास कराने की तैयारी में है। इस बीच जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने वक्फ बिल को लेकर बड़ा बयान दिया है।
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उन्होंने वक्फ संशोधन बिल का विरोध करते हुए इसे धार्मिक मामलों पर हमला बताया और केंद्र पर बार-बार अनुचित नीतियों के जरिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का इल्जाम लगाया।गौस ने कहा, “मैं वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति था। जब से यह केंद्र सरकार आई है, कभी लव जिहाद, सीएए, मॉब लिंचिंग, तीन तलाक और अब यह, यह हमारा धार्मिक मामला है। आपने (केंद्र ने) हमारे अधिकारों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया।” उन्होंने कहा, “मौलाना आजाद फाउंडेशन द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति भी बंद कर दी गई। विविधता में एकता हमारी विशेषता है। मैं निश्चित रूप से इन सभी मुद्दों को उनके (सीएम नीतीश कुमार) सामने उठाऊंगा।”
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बता दें कि कल 31 मार्च को राबड़ी आवास पर जदयू एमएलसी गुलाम गौस राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव से मुलाकात किये। बातचीत भी हुई। लालू प्रसाद यादव से मिलकर जब गुलाम गौस बाहर निकले तो पत्रकारों ने इस मुलाक़ात के मतलब पूछने लगे। तब गुलाम गौस ने जवाब देते हुए कहा कि इस मुलाकात के राजनीतिक मायने न निकालें जाएं। उन्होंने कहा कि मेरा यहां आना और लालू प्रसाद यादव से मिलना कोई नयी बात नहीं है। लेकिन ईद के बहाने गुलाम गौस का राबड़ी आवास आना और लालू यादव से मुलाकात करना फिलहाल चर्चा का विषय बन गया।