वक्फ संशोधन बिल जेपीसी में चर्चा के बाद कल यानी दो अप्रैल को संसद में पेश किया जाएगा। वहीं, इस बिल को मंजूरी मिलने से पहले सियासत गरमाई हुई है। वक्फ संशोधन विधेयक पर जहां एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने साफ कह दिया है कि वो वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद में स्टैंड लेगी, इससे इस बिल को मंजूरी मिलने में परेशानी हो सकती है।
वहीं वक्फ संशोधन विधेयक पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, “कल संसद में एंटी वक्फ बिल पेश किया जाएगा। संशोधन एक्ट नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, रामविलास पासवान की पार्टी और चौधरी अजित सिंह की पार्टी पर निर्भर करता है। ये चाहेंगे तो कानून रुकेगा, अगर ये लोग सरकार के साथ खड़े होंगे, मुस्लिम दुश्मनी में भाजपा का साथ देंगे तो कानून पास होगा जाएगा।”
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वक्फ संशोधन विधेयक पर कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल ने कहा, “अगर यह हमारे अनुकूल तरीके से लाया जाता है तो हम इसका स्वागत करते हैं। हालांकि, इसमें हमारे सदस्यों द्वारा दिए गए सभी बदलावों को शामिल किया जाना चाहिए।”
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा, “इस बिल को चर्चा का हिस्सा बनने दीजिए और इसमें बहुत सारी खामियां है। जब ये जेपीसी में गया तो जो संशोधन होने चाहिए थे वो नहीं हुए बल्कि और संशोधन हो गए और ये देश जिस तरह से चलता है उसके हिसाब से नहीं है। इस पर जब चर्चा होगी तो बात होगी… ये निश्चित तौर पर देश की धर्मनिरपेक्षता के लिए सही नहीं है।”
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वक्फ (संशोधन)विधेयक पर कहा, “…भाजपा हर जगह हस्तक्षेप करना चाहती है और भाजपा हर चीज पर अपना नियंत्रण करना चाहती है… भाजपा किससे क्या कहलवा दे, किससे क्या करवा दे, यह भाजपा का कमाल है।”