आज संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह श्रद्धांजलि पटना के गांधी मैदान के समीप आयोजित एक राजकीय समारोह के दौरान दी गई। समारोह सुबह 10:30 बजे शुरू हुआ, जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत बिहार सरकार के कई मंत्रीगण शामिल हुए। इस मौके पर सभी ने लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी जयप्रकाश नारायण के विचारों को याद किया और उन्हें नमन किया।

संपूर्ण क्रांति दिवस की शुरुआत जयप्रकाश नारायण ने 5 जून 1974 को की थी, जब उन्होंने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और तानाशाही के खिलाफ एक निर्णायक आंदोलन का आह्वान किया था। यह दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जाता है। आजादी के बाद भारत के इतिहास में संपूर्ण क्रांति को सबसे बड़ा आंदोलन माना जा सकता है, जिसकी वजह से देश की राजनीति पर तो बड़ा प्रभाव पड़ा ही, समाज में भी कई बड़े बदलाव नजर आए।
समाज में मौजूद गैरबराबरी और जातिवाद के खिलाफ इस आंदोलन ने बड़ी लड़ाई लड़ी और उसका प्रभाव भी दिखा। संपूर्ण क्रांति के प्रभाव में बिहार जैसे जाति आधारित समाज में लोगों ने अपने नाम से सरनेम को हटा दिया, ताकि उनकी जाति का पता ना चले। 1974 में बिहार की धरती से शुरू हुए छात्र आंदोलन ने 5 जून 1974 को इतना व्यापक रूप ले लिया कि इसे संपूर्ण क्रांति का नाम दिया गया। संपूर्ण क्रांति का नेतृत्व जयप्रकाश नारायण ने किया था और यह आंदोलन सिर्फ राजनीतिक आंदोलन नहीं था, बल्कि इस आंदोलन का उद्देश्य था समाज के संपूर्ण स्वरूप में बदलाव लाने का। भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था में बदलाव को लेकर यह क्रांति हुई थी, जिसका प्रभाव क्षेत्र संपूर्ण भारत हो गया था।