वेटिकन सिटी : नवनिर्वाचित पोप लियो चतुर्दश ने रविवार को सेंट पीटर्स स्क्वायर में अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में विश्व की प्रमुख शक्तियों से युद्ध समाप्त करने की अपील की। 8 मई को चुने गए पोप ने यूक्रेन में “वास्तविक और स्थायी शांति” की मांग की और गाज़ा में तत्काल युद्धविराम तथा सभी इस्राइली बंधकों की रिहाई का आह्वान किया।
पोप लियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए युद्धविराम का स्वागत किया और कहा कि वे दुनिया को “शांति का चमत्कार” देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं।
उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध की 80वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए कहा, “अब और युद्ध नहीं!”, जो कि पूर्व पोप फ्रांसिस का भी बार-बार दोहराया गया संदेश रहा है। पोप ने कहा कि आज की दुनिया “एक टुकड़ों में लड़े जा रहे तीसरे विश्व युद्ध” की भयावह स्थिति से गुजर रही है।
उन्होंने कहा कि उनके हृदय में यूक्रेन के लोगों का दुःख समाया हुआ है और उन्होंने “वास्तविक, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति” के लिए बातचीत का आग्रह किया।
गाज़ा के संघर्ष पर पोप लियो ने गहरा दुःख जताया और युद्धविराम, मानवीय सहायता तथा हमास द्वारा पकड़े गए बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की।
भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के युद्धविराम पर संतोष व्यक्त करते हुए पोप ने आशा जताई कि यह एक स्थायी समझौते की दिशा में अग्रसर होगा।
उन्होंने कहा, “लेकिन दुनिया में इतने और भी संघर्ष हैं!”