Bihar News : शादी का नाम आते ही आंखों के सामने सजे-धजे मंडप, पंडितों के मंत्रोच्चार और सात फेरे लेने वाले दूल्हा-दुल्हन की छवि उभरती है। लेकिन बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में एक ऐसी शादी हुई, जिसने सबको चौंका दिया। न कोई भव्य समारोह था, न कोई पारंपरिक मंडप… बल्कि यह शादी हुई ग्राम कचहरी में!
जब सरपंच बना ‘कपल कनेक्टर‘
यह अनोखी शादी जिले के चिरैया प्रखंड के सिरौना ग्राम कचहरी में हुई, जहां प्रेमी युगल ने सरपंच को ही साक्षी मानकर विवाह रचा लिया। यह कहानी किसी फिल्मी रोमांस से कम नहीं। जगदीश कुमार, जो पताही प्रखंड के छोटाक बलुआ के रहने वाले हैं, और सिरौना की गुड़िया देवी, पिछले छह सालों से एक-दूसरे से बेइंतहा प्यार करते थे। दोनों शादी करना चाहते थे, मगर परिवारवालों की रजामंदी नहीं मिल रही थी।
जब सरपंच ने उठाया बीड़ा
गांव के सरपंच कुमार सौरभ को जब इस प्रेम कहानी की जानकारी मिली, तो उन्होंने इसे सामाजिक विवाद बनने से पहले ही हल करने की ठान ली। उन्होंने दोनों को अपने कार्यालय बुलाया, उनकी सहमति जानी और फिर ग्राम कचहरी को ही विवाह स्थल बना दिया। बिना किसी रुकावट के, बिना किसी तामझाम के, केवल प्रेम और सहमति की बुनियाद पर यह शादी संपन्न हो गई।
ग्राम कचहरी बनी ‘विवाह कचहरी‘
जहां आमतौर पर ग्राम कचहरी पंचायत और विवाद सुलझाने के लिए जानी जाती है, वहीं इस बार इसने दो दिलों को एक करने का काम किया। शादी की तस्वीरें वायरल होते ही यह अनोखी शादी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई।