नई दिल्ली :उत्तर कोरिया ने इजरायल के ईरान पर हालिया हमले की कड़ी निंदा की है और उसे मध्य-पूर्व की शांति के लिए “कैंसर” करार दिया है। गुरुवार को कोरियाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि इजरायल का यह कदम न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल रहा है, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन गया है।
प्रवक्ता ने अमेरिका और यूरोपीय देशों को भी चेतावनी दी है कि वे इस संघर्ष में हस्तक्षेप न करें।
ईरान-इजरायल तनाव और ऑपरेशन राइजिंग लायन
पिछले हफ्ते शुरू हुई इस ताजा जंग में इजरायल ने अपनी बहुचर्चित “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान के नतांज और फोर्डो जैसे प्रमुख परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गहरा झटका लगा है, जिसके बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। हालांकि, इजरायल के आयरन डोम सिस्टम ने अधिकांश मिसाइलों को निष्फल कर दिया।
अमेरिका की भूमिका पर सस्पेंस
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या वे इजरायल के साथ मिलकर ईरान के गहरे भूमिगत फोर्डो संवर्धन संयंत्र पर हमला करें। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने इस हमले को मंजूरी दे दी है, लेकिन ईरान के परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने की शर्त पर इसे फिलहाल टाल दिया गया है। ईरान ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिससे तनाव और बढ़ गया है।
उत्तर कोरिया की चेतावनी
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के प्रवक्ता ने इजरायल पर “मानवता के खिलाफ अपराध” का आरोप लगाते हुए कहा कि ये हमले मध्य-पूर्व में व्यापक युद्ध की आग को भड़का सकते हैं। कोरियाई समाचार एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर इजरायल का समर्थन करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि इससे स्थिति विनाश की ओर बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए ईरान के साथ सहानुभूति दिखा रहा है, जैसा कि जर्नल ऑफ कॉन्फ्लिक्ट रिजॉल्यूशन की 2023 की एक रिपोर्ट में परमाणु शक्ति के हस्तक्षेप जोखिम को 40% कम करने की बात कही गई है।
आगे क्या?
ईरान और इजरायल के बीच चल रही इस जंग ने तीसरे विश्व युद्ध के खतरे को बढ़ा दिया है। सऊदी अरब और जॉर्डन जैसे देश इस संघर्ष के क्षेत्रीय विस्तार से चिंतित हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर अब ट्रंप के अगले कदम पर टिकी है, क्योंकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत रुकने के बाद स्थिति और गंभीर हो सकती है।