बिहार के सरकारी स्कूलों के टाइमिंग में फेरबदल किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने स्कूल को शिफ्ट में चलाने की योजना बनाई है। अब शिफ्ट में शिक्षकों को आना होगा। वहीं, एक जनवरी 2025 से स्कूल में स्टूडेंट्स का अटेंडेंस भी ऑनलाइन बनेगा। फेस रिकॉग्नाइजेशन सॉफ्टवेयर पहचानेगा, कौन-कौन बच्चे मौजूद नहीं हैं।
बिहार के स्कूलों में पेरेंट्स टीचर मीटिंग के दिन टाइमिंग में बदलाव किया जाएगा। पेरेंट्स की डिमांड पर स्कूल की टाइमिंग को सेट किया जाएगा। टाइमिंग सुबह 7 बजे से होने की संभावना है। इसके अलावा दोपहर बाद का भी विकल्प है। टीचर और पेरेंट्स के बीच संवाद स्थापित कर टाइमिंग सेट किया जाएगा। इसमें स्थानीय मुखिया की भी राय ली जा सकती है। स्कूल प्रबंधन की पूरी टीम इस पर फैसला ले सकता है। यह सिर्फ स्कूल टीचर पैरेंट्स मीटिंग के लिए होगा।
बिहार के स्कूलों में शिफ्ट लगेगा। टीचर शिफ्ट से स्कूल पहुंचेंगे। वैसे स्कूल जहां क्लास रूम की कमी है, वहां यह व्यवस्था लागू की जाएगी। एक क्लास रूम में दो और दो से अधिक कक्षा के बच्चे साथ नहीं बैठेंगे। बिहार के स्कूल के एक रूम में एक से अधिक क्लास नहीं चलेगा। बहुमंजिला बिल्डिंग बनने में देरी है तो वैकल्पिक व्यवस्था के साथ क्लास बनाया जाएगा।
भोजपुरी, मैथिली,अंगिका मीडियम से पढ़ाई होगी। क्लास वन से यह पढ़ाई होगी। स्कूल में भोजपुरी, मैथिली और अंगिका भाषा में पढ़ाई होगी। शिक्षा अपर मुख्य सचिव ने यह आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि बाई लिंगुअल किताबें लाइब्रेरी में रखी जाएगी। अंग्रेजी मीडियम की पढ़ाई क्लास 8 टू 10 तक पढ़ाई होगी। मल्टी लिंगुअल बुक्स उपलब्ध कराई जायेगी।
शिक्षा विभाग 5वीं से 8वी क्लास तक ओलंपियाड कराएगी। ऑनलाइन क्लासेज में एग्जाम लिए जा रहा है। बच्चे के लिए लेखन प्रतिभा आयोजित किया जाएगा। बिहार में दो करोड़ बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं, 6200 उत्क्रमित विद्यालय में क्लर्क पोस्ट बनाया गया है। मिडिल और हाई स्कूल में क्लर्क की बहाली होगी। प्राइमरी स्कूल इससे वंचित रहेगा।