चेन्नई: पुडुचेरी के एक भक्त, वेंकटेश सौरिराजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि हिंदू मंदिरों के परिसर में केवल भक्ति गीत ही बजाए जाने चाहिए। अन्य प्रकार के गीत, विशेष रूप से फिल्मी गानों को बजाने की अनुमति नहीं होगी। बता दें पुडुचेरी के एक भक्त, वेंकटेश सौरिराजन ने याचिका दायर कर शिकायत की थी कि मंदिर उत्सवों के दौरान आयोजित ऑर्केस्ट्रा में फिल्मी गीतों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इसे लेकर न्यायमूर्ति डी. भरत चक्रवर्ती की पीठ ने 24 फरवरी को दिए अपने आदेश में कहा कि मंदिर के भीतर किसी भी उत्सव के दौरान, चाहे वह मंदिर प्रशासन द्वारा आयोजित हो या भक्तों की ओर से, केवल भक्ति संगीत ही प्रस्तुत किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती ने अपने फैसले में कहा कि संबंधित सरकारी अधिकारियों की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि मंदिर परिसरों में केवल भक्ति संगीत ही बजाया जाएगा।
सविस्तार बताए तो यह मामला पुडुचेरी के तिरुमलैरायन पट्टिनम स्थित वीझी वरदराज पेरुमल मंदिर से जुड़ा है। मंदिर के भक्त वेंकटेश सौरिराजन ने अदालत में याचिका दायर कर शिकायत की थी कि मंदिर उत्सवों के दौरान आयोजित ऑर्केस्ट्रा में फिल्मी गाने भी बजाए जाते हैं। उन्होंने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि मंदिर के भीतर इस तरह के गीतों को
बजाने से धार्मिक भावना प्रभावित होती है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि मंदिर में लंबे समय से कोई ट्रस्टी नियुक्त नहीं किया गया है, जिससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इस पर अदालत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द इस मामले में उचित कदम उठाने का आदेश दिया। अदालत ने कहा, “यह स्थापित कानून है कि मंदिरों को लंबे समय तक बिना ट्रस्टी के नहीं छोड़ा जा सकता। इसलिए, संबंधित अधिकारी कानून के अनुसार जल्द से जल्द ट्रस्टी की नियुक्ति सुनिश्चित करें।”