नई दिल्ली : कर्नाटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चल रही बैठक के तीसरे दिन आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि “आक्रमणकारी मानसिकता वाले लोग भारत के लिए खतरा हैं,” औरंगजेब विवाद पर उन्होंने कहा, “हमें यह सोचना होगा कि बाहर से आने वालों को आदर्श बनाना है या स्थानीय नायकों को सम्मान देना है.” होसबोले ने वक्फ संशोधन विधेयक पर चल रही चर्चा को समाज हित में बताया. परिसीमन पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने दक्षिणी राज्यों की लोकसभा सीटों को बनाए रखने की वकालत की ताकि क्षेत्रीय संतुलन बना रहे. इसके अलावा, उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर कहा, “यह आरएसएस की नहीं, बल्कि पूरे समाज की उपलब्धि है.”
कर्नाटक में भाजपा शासन के दौरान संघ पदाधिकारियों की मंत्रियों के निजी सहायकों के रूप में नियुक्ति के सवाल पर होसबोले ने स्पष्ट किया कि “संघ ने कभी इसके लिए दबाव नहीं डाला.” उन्होंने जोर देकर कहा कि संघ का काम समाज को संगठित करना है, न कि राजनीतिक हस्तक्षेप करना.
बता दें कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में इस बैठक में आरएसएस की तरफ से प्रस्ताव पारित किया गया है. प्रस्ताव में हिंदू समाज के साथ एकजुटता से खडे रहने की अपील की गई है. साथ ही इस्लामी कट्टरपंथी तत्वों द्वारा लगातार हो रही सुनियोजित हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न पर गहरी चिंता प्रकट की गई है.