राज्यसभा में आज बुधवार को संसद के बजट सत्र के दौरान EPIC (Electors Photo Identity Card) विवाद को लेकर जबरदस्त गहमागहमी रही। विपक्षी दलों, खासकर आरजेडी (RJD) के सांसदों ने सरकार पर तीखे सवाल दागे और मतदाता पहचान पत्र में कथित गड़बड़ियों को लेकर जवाब मांगा। चर्चा के दौरान राज्यसभा में राजद सांसद मनोज झा ने कुछ ऐसा कहा जिसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं जोरों पर है। दरअसल, RJD सांसद ने भी डुप्लीकेट EPIC कार्ड का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और इसका जवाब भी पूरी गंभीरता से दिया जाना चाहिए, न कि ट्रकों के पीछे लिखी सस्ती शायरी से।
इतना ही नहीं, मनोज झा ने चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी और फर्जी वोटिंग की संभावना पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि अगर वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट EPIC कार्ड मौजूद हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। राजद के सांसद मनोज कुमार झा ने शून्यकाल के तहत इस मुद्दे का उठाते हुए कहा कि यह एक प्रश्न ऐसा है जो पिछले कुछ वर्षों से ना सिर्फ राजनीतिक दलों को बल्कि आम नागरिक को भी उद्वेलित कर रहा है। इससे पहले, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों ने मतदाता फोटो पहचान पत्र के दोहराव वाले अनुक्रमांक (ईपीआईसी) के मुद्दे पर नियम 267 के तहत राज्यसभा में तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की थी, लेकिन उपसभापति हरिवंश ने इससे संबंधित सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए।
उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने जिस ईपीआईसी के मुद्दे पर नोटिस दिए हैं, उसी मुद्दे को अन्य माध्यमों से उठाने के लिए भी नोटिस दिए गए हैं और उन्हें स्वीकार भी किया गया है। राजद के झा ने शून्यकाल के तहत इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, ‘यह एक प्रश्न ऐसा है जो बीते कुछ महीनों से या यू कहूं तो कुछ सालों से ना सिर्फ राजनीतिक दलों को बल्कि आम नागरिक को भी उद्वेलित कर रहा है।’
आर्टिकल 324 का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाने और सभी के लिए समान अवसर प्रदान किए जाए जैसी दो महत्वपूर्ण बातें हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराया जाना महज एक खोखली इबारत नहीं है। इसके पीछे भाव है, इसके पीछे दर्शन है। हाल के दिनों में ईपीआईसी कार्ड के डुप्लीकेशन को लेकर जो चीजें हो रही हैं, वह सबके लिए चिंता का विषय है।’
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राज्यसभा सदस्य झा ने कहा कि ईपीआईसी का कई दफा सीमावर्ती राज्यों में दोहराव हो रहा है और इसकी संख्या लाखों में है, जिसकी वजह से चुनाव की निष्पक्षता से समझौता हो रहा है।उन्होंने कहा कि EPIC कार्ड के पहले तीन अक्षर विधानसभा क्षेत्र को चिह्नित करते हैं लेकिन ऐसा पाया गया है कि उसी राज्य की दूसरी विधानसभा में वह तीन अक्षरों की पुनरावृत्ति होती है और अलग-अलग राज्यों में भी होती है। राजद सदस्य ने कहा, ‘यह जो संसद है…यह लोकतंत्र की इमारत है और लोकतंत्र चुनाव से जिंदा है। अगर चुनाव की पद्धति और प्रक्रियाओं से समझौता होगा, उसमें से गड़बड़ी की बू आएगी तो कुछ भी नहीं बचेगा।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा आपके माध्यम से आग्रह है कि सदन की ओर से एक संदेश जाए…डुप्लीकेट ईपीआईसी किस स्तर तक फैला है, इसकी जांच की जाए कि यह गड़बड़ी कहां से हो रही है और सुधारात्मक उपाय हो।’
झा ने इसके साथ-साथ निर्वाचन आयोग से वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने वालों, उसमें नए नाम जोड़े जाने वालों और इसमें किए गए सुधारों के लिए अलग लिस्ट जारी करने की भी मांग की।उन्होंने कहा, ‘यह इतने गंभीर प्रश्न हैं कि इनके जवाब सस्ती शायरी नहीं हो सकते। गंभीर सवाल के जवाब गंभीरता से देने चाहिए ना कि ट्रकों के पीछे लिखी शायरी पढ़ कर।’ झा का इशारा पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की तरफ था।