बीजापुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में चल रहे “ऑपरेशन संकल्प” के तहत सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में पिछले 16 दिनों से चल रहे सर्च अभियान के दौरान बुधवार (7 मई) तड़के हुई भीषण मुठभेड़ में 22 माओवादियों को मार गिराया गया। इस ऑपरेशन में 20,000 से अधिक जवानों ने हिस्सा लिया, जिसमें CRPF, DRG, बस्तर फाइटर्स, STF और राज्य पुलिस की विभिन्न इकाइयां शामिल थीं।
16 दिनों तक चला अभियान
पिछले 16 दिनों से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर सघन सर्च अभियान चल रहा था। खुफिया सूचनाओं के आधार पर सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी और आसपास के घने जंगलों को घेर लिया था। बुधवार सुबह माओवादियों के साथ हुई ताजा मुठभेड़ में 15 से अधिक माओवादी मारे गए, जिसके बाद अब तक कुल 22 माओवादियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। बस्तर के आईजी सुंदरराज ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मारे गए सभी माओवादियों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जिनमें एक महिला माओवादी भी शामिल है।
20,000 जवानों की तैनाती, बड़ी सफलता का दावा
इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई थी। CRPF, DRG, STF और बस्तर फाइटर्स के साथ-साथ राज्य पुलिस की विभिन्न इकाइयों ने मिलकर इस अभियान को अंजाम दिया। बस्तर के आईजी सुंदरराज ने इसे सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता बताते हुए कहा, “यह ऑपरेशन माओवादियों के खिलाफ हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारा लक्ष्य क्षेत्र में शांति स्थापित करना और माओवादी गतिविधियों को पूरी तरह समाप्त करना है।”
ऑपरेशन सिंदूर के साथ समानांतर कार्रवाई
आज यह मुठभेड़ हुई,और आज ही भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें 90 आतंकियों को मार गिराया गया। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
इस तरह केंद्र सरकार ने एक तरफ आतंकवाद और दूसरी तरफ माओवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए दोहरी कार्रवाई की। ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन संकल्प जैसी कार्रवाइयों ने सुरक्षा बलों की तैयारियों को साबित कर दिया है।